तीन दिन बाद हुआ मौलिक वर्मा का अंतिम संस्कार
जीरकपुर, 25 मार्च (हप्र)
जीरकपुर के भबात के शांतिकुंज सोसायटी निवासी मौलिक वर्मा जोकि चंडीगढ़ के सेक्टर 21 स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 11वीं कक्षा का छात्र था, ने गत 22 मार्च की शाम को अपने घर पर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। लोग व परिवार वाले मौलिक वर्मा को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग पर अड़े थे। चंडीगढ़ पुलिस द्वारा परिवार की मांग पर कथित आरोपी एएसआई को निलंबित करने के बाद परिवार ने तीन दिन बाद मंगलवार शाम अंतत: मौलिक वर्मा का अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने सोमवार को मौलिक वर्मा का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया था। हालांकि सोमवार को परिवार द्वारा शव को जीरकपुर श्मशानघाट में लाया गया था, लेकिन मामले के कथित आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर परिजन अड़े थे और सोमवार को अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन नहीं माने और शव को वापस घर ले गए।
मृतक की माता रितु वर्मा, जोकि सिंगल मदर है, ने आरोप लगाया था कि चंडीगढ़ साइबर सेल पुलिस ने उसके नाबालिग बच्चे मौलिक (17) को पूछताछ के लिए बुलाया था, जबकि उसने साइबर सेल में तैनात एएसआई गुरुदेव सिंह को बताया था कि वह आज किसी काम से बाहर गई हुई है और वह स्वयं अपने बच्चे को लेकर थाने आएगी, लेकिन मामले में शामिल अन्य 3 बच्चों को भी साइबर शाखा में बुला लिया गया। पुलिस ने उनके बेटे मौलिक का नंबर ले लिया और उसकी अनुपस्थिति में वह अकेले ही चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित साइबर सेल पुलिस स्टेशन गया, जहां उसके अन्य दोस्तों और उसके साथ कथित तौर पर मारपीट की और उसे धमकाया। जिसके बाद मौलिक वर्मा ने आत्महत्या जैसा भयानक कदम उठा लिया। मृतक की मां रितु वर्मा ने बताया कि जब वह घर पहुंची तो मौलिक ने कमरा अंदर से बंद कर लिया था। काफी खटखटाने के बाद भी उसने दरवाजा नहीं खोला। उन्होंने शीशा तोडक़र अंदर देखा तो मौलिक पंखे से लटका हुआ था। रितु वर्मा ने अपने बेटे की मौत के लिए सेक्टर 21 स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधन और साइबर क्राइम सेल के एएसआई गुरदेव सिंह को जिम्मेदार ठहराया है और न्याय की मांग की है।