For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

तिवारी को अफसरों से नहीं मिला संतोषजनक जवाब

05:33 AM Feb 18, 2025 IST
तिवारी को अफसरों से नहीं मिला संतोषजनक जवाब
चंडीगढ़ में सोमवार को स्मार्ट सिटी सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते सांसद मनीष तिवारी। -हप्र
Advertisement
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 17 फरवरी (हप्र)
Advertisement

स्मार्ट सिटी सलाहकार समिति की बैठक सोमवार को आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सांसद मनीष तिवारी ने की। बैठक में चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला, नगर निगम के कमिश्नर अमित कुमार, चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर निशांत यादव और चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी मिशन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में स्मार्ट सिटी मिशन के लिए बजटीय आवंटन शून्य है और मिशन समाप्त हो रहा है, ऐसे में यह महसूस किया कि इस मिशन के दौरान पिछले 10 वर्षों में पूरी की गई परियोजनाओं की समीक्षा की जानी चाहिए। तिवारी ने सवाल किया कि पिछले 10 वर्षों में विभिन्न परियोजनाओं पर कितनी धनराशि खर्च की गई है। स्मार्ट सिटी मिशन के अधिकारियों ने बताया कि 36 परियोजनाओं पर कुल 853 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और 53 करोड़ रुपए परिचालन व्यय के रूप में अभी भी उनके पास लंबित हैं। तिवारी ने व्यावहारिक तौर पर पूछा कि वास्तव में एक शहर को स्मार्ट क्या बनाता है, स्मार्ट सिटी की परिभाषा क्या है। लेकिन संतोषजनक रूप से उत्तर नहीं दिया। इस दिशा में, 853 करोड़ रुपए में से लगभग 304 करोड़ रुपये सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजना की स्थापना पर खर्च किए गए, 334 करोड़ रुपये एक इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल कम्प्लेक्स की स्थापना पर खर्च किए गए और बाकी राशि कई सहायक परियोजनाओं पर खर्च की गई। तिवारी जानना चाहते थे कि इस तथ्य को देखते हुए कि स्मार्ट सिटी मिशन मार्च, 2025 को समाप्त हो जाएगा, मिशन की अवधि के दौरान पिछले 10 वर्षों में बनाई गई सभी संपत्तियों की जिम्मेदारी कौन लेगा। जिस पर तिवारी को बताया गया कि सरकार के विभिन्न विभाग इन परियोजनाओं की जिम्मेदारी लेंगे, उदाहरण के लिए इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा, जबकि एसटीपी आदि को नगर निगम को हस्तांतरित किया जाएगा।

8 महीने बाद भी मनीमाजरा में नहीं हुई 24 घंटे जलापूर्ति : मनीष

Advertisement

सांसद मनीष तिवारी ने इस बात पर बहुत गंभीर चिंता व्यक्त की कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत मनीमाजरा में लागू की गई 24 घंटे जलापूर्ति परियोजना के 8 महीने बाद भी मनीमाजरा के निवासियों को सुबह 2 घंटे और शाम को 2 घंटे पानी ही उपलब्ध कराया जा रहा है। तिवारी ने यह भी जानना चाहा कि क्या स्मार्ट सिटी के तहत क्रियान्वित विभिन्न परियोजनाओं की योजनाओं का कोई एक्टरनल ऑडिट, परफॉर्मेंस ऑडिट या तकनीकी ऑडिट सरकार की किसी एजेंसी द्वारा कराया गया है। अंत में, तिवारी ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को सलाह दी कि इस बात का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जो संपत्तियां बनाई गई हैं, उनका उपयोग प्रभावी और कुशल तरीके से किया जाए और स्मार्ट सिटी मिशन के समाप्त होने के कारण वे पूरी तरह से बर्बाद न हो जाएं।

Advertisement
Advertisement