तिब्बतियों के सामने बड़ा सवाल- दलाई लामा के बाद कौन?
प्रतिभा चौहान/ट्रिन्यू
शिमला, 28 फरवरी
शुक्रवार को भारत भर में तिब्बतियों ने अपना नववर्ष लोसर मनाया। हालांकि तिब्बत में भूकंप पीड़ितों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने को सबकुछ बेहद सादगीभरा रहा। दलाई लामा मैक्लोडगंज में मनाए जा रहे जश्न में शामिल नहीं हुए। पिछले सप्ताह ही दक्षिण भारत से लौटे दलाई लामा का संदेश साझा किया गया।
अवलोकितेश्वर या बुद्ध के अवतार कहे जाने वाले तिब्बती नेता दलाई लामा आगामी 7 जुलाई को 90 वर्ष के हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि उनका स्वास्थ्य खराब है। तिब्बत पर चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच बड़ा सवाल हैकि ‘दलाई लामा के बाद कौन?’ यह सवाल तिब्बतियों के अलावा केंद्र सरकार के सामने भी है। उल्लेखनीय है कि 2 सितंबर, 2024 को करमापा ने स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में दलाई लामा से मुलाकात की और बाद में लिखा कि उन्हें उन्हें शारीरिक रूप से इतना कमज़ोर देखकर दुख हुआ। हालांकि, तिब्बती लोगों द्वारा तिब्बती हित में उन्हें वापस लौटने के लिए मनाने के प्रयासों के बावजूद उनके भारत लौटने को लेकर काफी अनिश्चितता है। तिब्बती बौद्ध धर्म में, दो धार्मिक प्रमुख हैं, पंचेन लामा, जो तिब्बत में ताशिलहुनपो मठ के प्रमुख हैं और करमापा, जिन्हें दलाई लामा के बाद सबसे महत्वपूर्ण नेता माना जाता है। जबकि गेदुन चोएक्यी न्यिमा, जिन्हें दलाई लामा द्वारा 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी गई थी, तिब्बती हिरासत में हैं, चीन ने ग्याइनकैन नोरबू को पंचेन लामा नियुक्त किया, जिससे उत्तराधिकार को लेकर विवाद पैदा हो गया।
‘पुनर्जन्म पर छोड़ेंगे लिखित निर्देश’
तिब्बती कार्यकर्ता तेनजिन ने कहा, ‘दलाई लामा ने कहा है कि वह अपने पुनर्जन्म के बारे में लिखित निर्देश छोड़ेंगे। हालांकि, जब तक अगला दलाई लामा नहीं मिल जाता, तब तक हमें चीन को हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने से रोकने के लिए 17वें करमापा जैसे आध्यात्मिक नेता की आवश्यकता होगी।’ अतीत में दलाई लामा ने कहा है कि उनका उत्तराधिकारी तिब्बत के बाहर पैदा होगा और वह महिला भी हो सकती है।