For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

तालाब की खुदाई के दौरान देवरड़ में मिली मानव हड्डियां, पुराने मटके व लाखौरी ईंटें

02:27 AM Jun 23, 2025 IST
तालाब की खुदाई के दौरान देवरड़ में मिली मानव हड्डियां  पुराने मटके व लाखौरी ईंटें
जुलाना क्षेत्र के देवरड़ गांव में तालाब की खुदाई के दौरान मिले कंकाल के अवशेष दिखाते मनरेगा मजदूर। -हप्र
Advertisement

जींद (जुलाना), 22 जून (हप्र) : जुलाना क्षेत्र के देवरड़ गांव में इन दिनों तालाब की खुदाई का कार्य चल रहा है। इसमें मनरेगा मजदूर खुदाई कर रहे हैं। खुदाई के दौरान पिछले कई दिनों से मानव की हड्डियां, पुराने मटके और लाखौरी ईंटें मिली रही हैं। ग्रामीण राममेहर, पवन कुमार,जगबीर इत्यादि ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि गांव में तालाब की खुदाई के दौरान कई जगह पर मानव की हड्डियां, पुराने मटके और लाखौरी ईंटें मिलना कौतूहल का विषय बना है।

Advertisement

तालाब की खुदाई में मिले अवशेष काफी पुराने

देवरड़ गांव इतिहास महाभारत कालीन बताया जाता है और ऐसा भी माना जाता है कि देवरड़ गांव नाम कौरव पांडवों के गुरू द्रोणाचार्य के नाम से रखा गया था है। अतीत में यहां मुस्लिम परिवार रहते थे, ऐसा भी संभव है कि जहां खुदाई का काम चल रहा है, वहीं पर कभी कब्रिस्तान रहा हो। ग्रामीणों ने बताया कि तालाब खुदाई के दौरान अभी तक 10-12 स्थानों पर मानव कंकाल, हड्डियां व अन्य अवशेष मिल चुके हैं। इस पूरे मामले की सूचना जुलाना तहसील व जुलाना बीडीपीओ कार्यालय को दी गई है।

सामान्य से ज्यादा है कंकाल की लंबाई

देवरड़ गांव के तालाब में खुदाई के दौरान मिले मिले कंकाल की लंबाई सामान्य मानव से ज्यादा है। मानव जबड़े भी काफी बड़े हैं। ग्रामीणों द्वारा अंदाजा लगाया जा रहा है कि कंकाल की लंबाई लगभग 8 फीट है। कंकालों की हालत को देखकर लगता है कि ये 200 वर्ष से ज्यादा पुराने हैं। ग्रामीण राममेहर ने बताया कि आजादी से पहले गांव में मुसलमान रहते थे। गांव के तालाब की जगह कब्रिस्तान होता था। तालाब में मिल रहे कंकाल कब्रिस्तान में दफनाए गए मुस्लिम समुदाय के लोगों के हो सकते हैं। बुजुर्गों ने बताया कि आजादी के बाद भी इस जगह लोग आने से कतराते थे। समय बीतता गया और यहां पर तालाब बन गया।

Advertisement

दो माह से चल रहा है तालाब की खुदाई का कार्य

मनरेगा एबीपीओ नेहा ने बताया कि तालाब की खुदाई का काम दो माह से चला हुआ है। रोजाना 50 से 60 मजदूर खुदाई का काम करते हैं। तालाब में कुछ मिला है तो मौके पर जाकर जांच की जाएगी।

देवरड़ गांव में मनरेगा स्कीम के तहत तालाब की खुदाई की जा रही है। तालाब में खुदाई के दौरान कंकाल मिलन की सूचना मिली है। इस सूचना के बाद उस जगह पर खुदाई का काम को रोक दिया है। मौके पर जाकर जांच करने के बाद ही काम दोबारा शुरू किया जाएगा।

-प्रतीक जांगड़ा, बीडीपीओ जुलाना।

Advertisement
Tags :
Advertisement