तपिश से चित्त-शुद्धि
04:00 AM Jan 15, 2025 IST
Advertisement
एक बार अकबर बादशाह ने बीरबल से कहा, ‘बीरबल तुम्हें काला कोयला सफेद करके दिखाना है।’ बीरबल सकते में आ गए, लेकिन बादशाह का आदेश था, इसलिए युक्ति सोचने लगे। उन्होंने बादशाह से कहा, ‘हजूर! कुछ समय दिया जाए, फिर कोयला सफेद करके दिखाऊंगा।’ कुछ दिनों बाद बीरबल दरबार में पहुंचे। बीरबल की चतुराई देखने लोगों का जमघट लग गया। बीरबल ने काले कोयले को सबके सामने रखा और उसमें आग लगा दी। कोयला धू-धू करके जलने लगा। जलकर कोयला अंगार बना और अंगार जब बुझा तो सिर्फ सफेदी के अलावा कुछ भी नहीं था। बीरबल ने साथ ही संदेश दिया कि कोयले को सफेद करने का उपाय संसार में सिवाय अग्नि-संस्कार के कोई दूसरा नहीं है। इसी तरह चित्त के ऊपर भी कुसंस्कारों की कालिख चढ़ जाती है और चित्त-शुद्धि के लिए उसे तपस्या की अग्नि में तपाना पड़ता है।
Advertisement
प्रस्तुति : नीता देवी
Advertisement
Advertisement