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ढडरियांवाले को अकाल तख्त से माफी, प्रतिबंध हटा

05:00 AM May 22, 2025 IST
बुधवार को अमृतसर में अकाल तख्त का फैसला सुनाते कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज व अन्य। -विशाल कुमार

अमृतसर/संगरूर, 21 मई (ट्रिन्यू/ निस)
सिख प्रचारक रणजीत सिंह ढडरियांवाले ने विवादास्पद बयानों के लिए बुधवार को यहां अकाल तख्त साहिब पर क्षमा याचना की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। उनके प्रवचन करने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया। एक अन्य फैसले में अकाल तख्त ने तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर को दोष मुक्त करार दे दिया। वहीं, पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के पूर्व अध्यक्ष हरविंदर सिंह सरना के पश्चाताप को स्वीकार करते हुए दोनों पर ‘तनखाह’ लगाई गयी है।
अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज की अगुवाई में पांच ‘सिंह साहिबान’ की बैठक में यह फैसले लिए गये। बैठक में श्री हरिमंदर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी राजदीप सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बाबा टेक सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जोगिंदर सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब के ग्रंथी ज्ञानी गुरबख्शीश सिंह मौजूद थे।

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ढडरियांवाले ‘गुरमत’ के बारे में अपने पिछले बयानों को लेकर खेद व्यक्त करने और क्षमा मांगने के लिए अकाल तख्त पर पेश हुए। उन्हें स्वीकृत सिख ‘रहत मर्यादा’, परंपराओं के अनुसार ही सिखी प्रचार करने का निर्देश दिया गया। साथ ही गुरु स्थानों या पवित्र सरोवरों के बारे में कोई बयानबाजी और किसी जत्थेबंदी के खिलाफ कोई निजी टिप्पणी न करने का आदेश दिया गया।

सिख विद्वानों और ग्रंथियों के बारे में अनुचित टिप्पणियों के चलते तलब किए गये हरविंदर सिंह की माफी स्वीकार करते हुए उन्हें 11 दिनों तक रोजाना ‘जपजी साहिब’ और ‘चौपाई साहिब’ के दो-दो पाठ करने तथा इसके बाद दिल्ली स्थित गुरुद्वारा बंगला साहिब में 501 रुपये के ‘कड़ाह प्रसाद’ के साथ क्षमा याचना की अरदास करवाने का आदेश दिया गया।

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तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह की क्षमा याचना की अपील को स्वीकार करते हुए उन्हें 11 दिन लंगर में बर्तन साफ करने, जोड़ा घर में जूते साफ करने और पाठ करने के बाद श्री अकाल तख्त पर क्षमा याचना की अरदास करवाने का आदेश दिया गया। उनके खिलाफ सिरसा के डेरा प्रमुख को माफी देने के संबंध में शिकायत थी।

तख्त श्री पटना साहिब ने आदेश मानने से किया इनकार

तख्त श्री पटना साहिब और श्री अकाल तख्त के जत्थेदारों के बीच बुधवार को विवाद पैदा हो गया। अकाल तख्त ने एक मामले में तख्त श्री पटना साहिब की प्रबंधक कमेटी के प्रधान समेत सभी पदाधिकारियों को पेश होकर पक्ष रखने और कार्यकारी जत्थेदार बलदेव सिंह तथा ग्रंथी गुरदयाल सिंह को आदेशों की अनदेखी करने के मामले में पेश होने का सख्त आदेश दिया। पेश होने तक दोनों की पंथक सेवाओं पर रोक लगा दी गयी। इसके जवाब में तख्त श्री पटना साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ने पांच प्यारों के साथ बैठक करके श्री अकाल तख्त के आदेशों को न सिर्फ खारिज कर दिया, बल्कि उसके कार्यकारी जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज और तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार बाबा टेक सिंह को ‘तनखाहिया’ घोषित कर दिया। इसके साथ ही अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को साजिशकर्ता बताते हुए दस दिन के भीतर पेश होने का आदेश दिया गया। पूर्व जत्थेदार गौहर को दोष मुक्त करार देने के फैसले काे भी मानने से इनकार कर दिया गया। इस बीच, प्रबंधक कमेटी के प्रधान ने आरोप लगाया कि गौहर ने अपने समर्थकों के साथ जबरन कार्यभार संभालने की कोशिश की। पुलिस ने स्थिति को संभाला।

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