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डिजिटल टूल्स, एआई से और बेहतर होगी मरीजों की देखभाल

05:27 AM Feb 25, 2025 IST
पीजीआई चंडीगढ़ में आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों के साथ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. विपिन कौशल। -ट्रिब्यून फोटो

>चंडीगढ़, 24 फरवरी (ट्रिन्यू)

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अब नर्सिंग सिर्फ मरीजों की देखभाल तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), डिजिटल टूल्स और रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से जुड़कर और भी प्रभावी होगी। इसी बदलाव को समझाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन (नाइन) पीजीआई चंडीगढ़ और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से 'नर्सिंग प्रैक्टिस में उभरती प्रवृत्तियां' विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।

कार्यशाला का उद्घाटन पीजीआई के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो. विपिन कौशल ने किया। इस अवसर पर नाइन की प्राचार्य और कार्यशाला अध्यक्ष डॉ. सुखपाल कौर और अन्य विशेषज्ञों ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। डॉ. मोनिका दत्ता, एसोसिएट प्रोफेसर नाइन ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि आज के दौर में नर्सिंग पेशेवरों को सिर्फ देखभाल तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें एआई, डिजिटल टूल्स और रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग जैसी नयी तकनीकों में भी दक्ष होना जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नर्सिंग क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण सुधार और बेहतर मरीज देखभाल के लिए तकनीकी नवाचारों को अपनाना अनिवार्य हो गया है। समापन समारोह में डॉ. सुखपाल कौर ने कहा कि नर्सिंग पेशेवर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। उन्हें सिर्फ पारंपरिक तरीकों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि तकनीकी प्रगति को अपनाकर अपने कार्य को और प्रभावी बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला नर्सिंग क्षेत्र में नई प्रवृत्तियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें व्यावहारिक रूप से लागू करने का महत्वपूर्ण प्रयास है।

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तीन राज्यों के 30 नर्सिंग पेशेवरों ने लिया भाग

कार्यशाला में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से 30 नर्सिंग पेशेवरों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को नर्सिंग क्षेत्र में हो रहे तकनीकी और व्यावहारिक बदलावों से परिचित कराना और उन्हें मरीजों की देखभाल में आधुनिक तकनीकों के उपयोग के लिए प्रशिक्षित करना था।

कार्यशाला में इन विषयों पर हुई चर्चा

प्रोफेशनल कम्युनिकेशन और नेतृत्व क्षमता, आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित हस्तक्षेप, नर्स-नेतृत्व वाली क्लीनिक व्यवस्थाएं, क्वालिटी इम्प्रूवमेंट इनिशिएटिव व मोबाइल हेल्थ एप्लिकेशन का प्रभावी उपयोग।

 

 

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