मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

डायल-112 के सुखद परिणाम : इमरजेंसी से निपटने के लिए 46 लाख 60 हजार जगह पहुंचे वाहन

05:13 AM May 15, 2025 IST
चंडीगढ़, 14 मई (ट्रिन्यू)

Advertisement

हरियाणा डायल-112 आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) ने अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया दक्षता में उल्लेखनीय प्रगति की है। अप्रैल-2025 के हालिया प्रदर्शन अपडेट में यह बात सामने आई है। लॉन्च होने के बाद से इस सिस्टम ने 2 करोड़ 31 लाख से अधिक कॉल्स अटेंड कीं और प्रदेशभर में आपात स्थितियों से निपटने के लिए 46.60 लाख जगह वाहन भेजे।

बुधवार को यहां मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता मंं हुई राज्य अधिकार प्राप्त समिति की 13वीं बैठक में यह जानकारी दी गई। मुख्य सचिव ने बताया कि इन आंकड़ों से सेवा उपयोग में लगातार वृद्धि और बेहतर रेस्पॉन्स टाइम का पता चलता है। अकेले अप्रैल 2025 में ही 6 लाख 6 हजार 39 कॉल अटेंड की गई।

Advertisement

पिछले साल अप्रैल में 5 लाख 35 हजार 111 और अप्रैल 2022 में 4 लाख 68 हजार 359 कॉल अटेंड हुई। इस दौरान डिस्पैच रेट में भी लगातार वृद्धि हुई है। अप्रैल 2025 में अटेंड की गईं 30 प्रतिशत कॉल के परिणामस्वरूप वाहन तैनाती हुई। 2024 में यह 24 प्रतिशत और 2022 में 17 प्रतिशत रही। मुख्य सचिव ने बताया कि विभिन्न सेवाओं में रेस्पॉन्स टाइम में उल्लेखनीय कमी देखी है।

पुलिस रेस्पॉन्स टाइम अप्रैल 2022 के 12 मिनट 4 सेकंड से घटकर अप्रैल 2025 में केवल 7 मिनट 3 सेकंड रह गया। मेडिकल इमरजेंसी रेस्पॉन्स टाइम 2022 के 25 मिनट 44 सेकंड से घटकर 2025 में 12 मिनट 50 सेकंड रह गया। अप्रैल 2025 में अग्निशमन सेवा का रेस्पॉन्स टाइम 32 मिनट 50 सेकंड रहा, जो पिछले वर्षों के मुकाबले स्थिर रहा।

एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के तौर पर 108 आपातकालीन हेल्पलाइन प्रणाली का राज्यव्यापी एकीकरण निर्धारित समय-सीमा के भीतर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। एकीकरण प्रक्रिया के तहत प्रदेष के हर जिले में 5 आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहन (ईआरवी) तैनात किए हैं। इससे आपातकालीन सेवाओं की क्षमता और पहुंच बढ़ी है।

सभी 575 एम्बुलेंस के साथ 108 हेल्पलाइन का पूर्ण एकीकरण नवंबर 2024 में सफलतापूर्वक पूरा हो गया। इस एकीकरण का उद्देश्य कुशल चिकित्सा सहायता प्रदान करना है, ताकि प्रदेषभर में त्वरित और अधिक समन्वित आपातकालीन प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके।

अस्पतालों की मैपिंग अनिवार्य

बैठक में गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ़ सुमिता मिश्रा ने सभी जिलों में अस्पतालों की मैपिंग को अनिवार्य बताया ताकि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कम से कम समय में चिकित्सा सहायता मुहैया करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए नवंबर-2023 में ट्रिप मॉनिटरिंग सर्विस (टीएमएस) शुरू की थी। यह सेवा महिलाओं को राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (एसईआरसी) में दो समर्पित डेस्क के साथ व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी लाइव लोकेशन स्थान साझा करने की अनुमति देती है।

साइबर अपराध में कमी

डॉ़ मिश्रा ने बताया कि पंचकूला में एसईआरसी में 54 साइबर क्राइम रिपोर्टिंग टर्मिनल और प्रमुख बैंकों के 16 नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। इस व्यवस्था से साइबर धोखाधड़ी के मामलों में प्रतिक्रिया में उल्लेखनीय तेजी आई है। अकेले 2024 में साइबर हेल्पलाइन पर 7.25 लाख कॉल प्राप्त हुईं और धोखाधड़ी की रिपोर्ट से जुड़े 980 करोड़ रुपये में से 268.40 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक बचाए गए।

ऐसे मामलों में रिकवरी दर 27 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है। बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के अलावा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsharyana newsHindi News