डल्लेवाल के स्वास्थ्य की देखभाल पंजाब का जिम्मा : सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती होने का फैसला शुक्रवार को पंजाब सरकार के अधिकारियों और चिकित्सकों पर छोड़ दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि डल्लेवाल के स्वास्थ्य की देखभाल करना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है, जो 24 दिनों से अनशन पर हैं। कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य अधिकारियों से डल्लेवाल की चिकित्सा स्थिति पर दो जनवरी तक रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार अदालत का रुख कर सकती है। पीठ ने कहा कि 70 वर्षीय डल्लेवाल को पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर प्रदर्शन स्थल से 700 मीटर के दायरे में स्थापित एक अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता है। पंजाब सरकार के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने किसान नेता के स्वास्थ्य की स्थिति पर मुख्य सचिव को एक हलफनामा सौंपा और कहा कि डल्लेवाल को जबरन उस स्थान से हटाने से उन्हें आघात पहुंच सकता है तथा स्थिति और बिगड़ सकती है।
डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को लिखा पत्र
इस बीच, जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह केंद्र को एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत किसानों की मांगों को स्वीकार करने का निर्देश दे। पत्र में डल्लेवाल ने लिखा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से पता चला कि शीर्ष अदालत उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि वह विनम्रतापूर्वक अनुरोध करना चाहते हैं कि सरकारों की ‘गलत नीतियों’ के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों का जीवन उनके जीवन से अधिक महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा कि एक संसदीय समिति ने सरकार को कृषि उपज के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी एमएसपी लागू करने की सिफारिश की है। एमएसपी गारंटी कानून से किसानों की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
इस बीच, डल्लेवाल का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वह काफी कमजोर हो गए हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस बीच, किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल किसी भी कीमत पर धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे।