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ठंड में भी पानी का सेवन रखें ज़ेहन में

04:00 AM Dec 11, 2024 IST
सर्दियों में पानी की उचित मात्रा

पानी हमारे शरीर की बुनियादी आवश्यकता है। सक्रियता जैसे व्यायाम, श्वसन, पाचन आदि के कारण पानी की खपत बढ़ती है। गर्मियों में यह ज्यादा होती है व प्यास महसूस होती है। लेकिन सर्दियों के दौरान, प्यास कम लगती है, जिससे हम पानी पीने की मात्रा घटा देते हैं। हाइड्रेट रहना ऊर्जा बनाए रखने, त्वचा की नमी और शरीर के तापमान को संतुलित रखने में भी मदद करता है।

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डॉ. मधुसूदन शर्मा
जल हमारे जीवन का आधार है। यह वह अमृत है जिसके बिना जीवन की कल्पना भी असंभव है। मानव शरीर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा जल से बना होता है, और यह हमारे शरीर के सामान्य कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक है। जल मानव की सबसे बुनियादी आवश्यकता है। धर्मग्रंथों में जल को सृष्टि का मूल आधार माना गया है। गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है : ‘क्षिति जल पावक गगन समीरा। पंच तत्व मिलि बना शरीरा।’ अर्थात मनुष्य शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है—क्षिति (पृथ्वी), जल (पानी), पावक (अग्नि), गगन (आकाश), और समीर (हवा)। इनमें से जल का अनुपात सबसे अधिक है। यही कारण है कि जो कुछ भी हम अपने शरीर में लेते है चाहे वह भोजन हो या पेय पदार्थ, उसमें पानी की भूमिका सर्वोपरि है। वेदों में भी जल को देवता का स्थान दिया गया है। कहा गया है- जलस्थ जीवनम‍् यानी जहां जल है, वहां जीवन है, प्राण है। ऋग्वेद में जल को ‘आपः’ या ‘आपो देवता’ कहा गया है।
जल का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
मानव शरीर मुख्य रूप से जल और कार्बनिक यौगिकों यानी वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और न्यूक्लिक एसिड से बना होता है। शरीर का लगभग 60-70 फीसदी भाग पानी है। यह बाह्य कोशिकीय द्रव यानी ब्लड प्लाज्मा, लिम्फ,अंतरालीय द्रव और कोशिकाओं के अंदर मौजूद रहता है, जहां यह एक विलायक के रूप में कार्य करता है। शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं जैसे व्यायाम, श्वसन, पाचन आदि के कारण पानी की खपत बढ़ती है। जैसे ही शरीर में पानी की कमी होती है, मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस से जुड़े रिसेप्टर्स इसे पहचान लेते हैं, और प्यास का अहसास होता है। गर्मियों में यह प्रक्रिया अधिक सक्रिय रहती है क्योंकि पसीने से शरीर में जल की कमी तेज़ी से होती है।
सर्दियों में जल की आवश्यकता
सर्दियों के दौरान, प्यास का अहसास गर्मियों की तुलना में कम होता है, जिससे हम पानी पीने की मात्रा घटा देते हैं। यह एक सामान्य भूल है, क्योंकि सर्दियों में भी शरीर को जल की उतनी ही जरूरत होती है। ठंडी हवाएं और शुष्क वातावरण त्वचा और शरीर से नमी को सोख लेते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन की संभावना बढ़ जाती है। जल की कमी का असर त्वचा पर सूखापन, थकान, पाचन समस्याओं और प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट के रूप में दिखता है।
जल से सर्दियों में ऊर्जा और स्वास्थ्य
बहुत लोग मानते हैं कि ठंडे मौसम में पानी की जरूरत कम हो जाती है, लेकिन यह गलत है। शरीर की कोशिकाएं, ऊतक, और अंग सर्दियों में भी जल पर उतने ही निर्भर रहते हैं जितना गर्मियों में। हाइड्रेट रहना न केवल ऊर्जा बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह त्वचा की नमी, जोड़ों के लचीलेपन, और शरीर के तापमान को संतुलित रखने में भी मदद करता है। इसलिए, सर्दियों में हाइड्रेशन को प्राथमिकता देना अहम है।
हाइड्रेशन रखने के उपाय
कुछ उपाय अपनाएं तो सर्दियों के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखा जा सकता है :
पानी पीने की आदत -ठंड के कारण प्यास का अहसास कम होता है, इसलिए नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें। दिनभर में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं। गर्म पानी - गुनगुने पानी का सेवन करें। यह न केवल शरीर को हाइड्रेट करता है, बल्कि गले और पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी है। अलार्म - यदि आप पानी पीने में भूल करते हैं, तो हर घंटे अलार्म सेट करें। यह आपको पानी पीने की याद दिलाएगा। स्वाद बढ़ाएं: अगर सादा पानी पीना मुश्किल लगता है, तो उसमें नींबू, पुदीना, अदरक, या खीरे के स्लाइस डालकर स्वादिष्ट बना लें। कैफीन व शराब से बचें - सर्दियों में अधिक चाय, कॉफी, या शराब का सेवन शरीर में पानी कम कर सकता है। इनका सीमित सेवन करें।
गर्म पानी और हर्बल पेय
सर्दियों में गर्म पेय पदार्थ शरीर को हाइड्रेट करते है व ठंड से बचाने में मददगार हैं। हल्का गर्म पानी : गुनगुने पानी का सेवन शरीर के रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और पाचन सुचारू रखता है। हर्बल चाय : तुलसी, अदरक, हल्दी व इलायची से बनी हर्बल चाय शरीर को गर्म और हाइड्रेटेड रखती है। ग्रीन टी : यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और डिटॉक्स करने में मदद करती है। काढ़ा: घरेलू काढ़ा न केवल इम्यूनिटी बढ़ाता है व हाइड्रेट रखता है।
फल और सूप
सर्दियों में केवल पानी ही नहीं, बल्कि अन्य खाद्य और पेय पदार्थ भी शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। जैसे संतरा, मौसंबी, और अनार में पानी की भरपूर मात्रा होती है। ये विटामिन सी की पूर्ति भी करते हैं। वहीं खीरा, टमाटर, और गाजर जैसी सब्जियां पानी से भरपूर होती हैं। इस मौसम में सब्जियों या दाल से बना गर्म सूप शरीर को नमी प्रदान करता है और ठंड से बचाता है। दही-छाछ शरीर को हाइड्रेट करने के साथ-साथ पाचन में भी सहायक होते हैं।
रोजाना कितना पीयें पानी
सर्दियों में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए सामान्यतः एक व्यक्ति को प्रतिदिन 2-3 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। यह मात्रा शारीरिक गतिविधियों, वजन, और स्वास्थ्य की स्थिति पर भी निर्भर करती है। व्यायाम करने वालों के लिए : अगर आप सर्दियों में व्यायाम करते हैं, तो पसीने के कारण पानी की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में पानी की मात्रा बढ़ा दें। बच्चों और बुजुर्गों के लिए : इन आयु वर्गों को सर्दियों में हाइड्रेशन का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इन्हें प्यास का अहसास कम होता है।

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ज्यादा पानी पीने के भी नुकसान
पानी हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी हानिकारक हो सकता है। इसे ‘ओवरहाइड्रेशन’ कहा जाता है। जब शरीर में पानी की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है, तो यह सोडियम के स्तर को असंतुलित कर देता है, जिसे हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है। यह स्थिति मस्तिष्क, दिल, और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है जिसके लक्षणों में सिरदर्द, भ्रम, मांसपेशियों में कमजोरी बार-बार यूरीन व उल्टी शामिल हैं। जरूरत के अनुसार ही पानी पिएं। सामान्य दिनचर्या में 2-3 लीटर पानी पर्याप्त होता है। यदि आप व्यायाम या श्रम आदि करते हैं, तो अपने शरीर की मांग के अनुसार पानी की मात्रा बढ़ाएं, लेकिन अति न करें।

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