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ट्रांसजेंडर वोटर बढ़े पर मतदान में बढ़ोतरी नहीं

07:14 AM Sep 03, 2024 IST

रामकुमार तुसीर
सफीदों, 2 सितंबर
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड पर ट्रांसजेंडर (किन्नर) समाज के मतदाताओं की संख्या पिछले 5 वर्ष में अढ़ाई गुणा हो गई है, लेकिन इनमें मतदान की रुचि ज्यादा नहीं है। लोकसभा चुनाव में हरियाणा में इस समाज के 467 लोगों को मताधिकार प्राप्त था। देशभर में उस चुनाव में इस समाज के लोगों ने 27.08 प्रतिशत ही मतदान किया जबकि हरियाणा में मतदान का प्रतिशत केवल 18.20 ही रहा। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए अब तक प्रकाशित सूची के अनुसार प्रदेश में इस समाज के 458 मतदाता हैं जिनमें सबसे ज्यादा फरीदाबाद में 76 को मताधिकार प्राप्त है, जबकि 5 वर्ष पूर्व अप्रैल 2019 में उस जिले में यह आंकड़ा 25 का था। किन्नर की जिलावार मतदाता सूची में सबसे कम चरखी दादरी में केवल एक मतदाता है, जबकि जिला गुरुग्राम में ऐसे 52 लोगों को मताधिकार प्राप्त है जबकि पांच वर्ष पहले यह आंकड़ा 19 था। सोनीपत में यह संख्या नई सूची में 33 है, जबकि 5 वर्ष पहले 24 को मताधिकार प्राप्त था। जिला जींद में किन्नर समाज के मतदाताओं की संख्या 5 वर्ष पहले भी सात थी और आज भी सात है। इनमें सफीदों विधानसभा क्षेत्र में एक, जींद में तीन, जुलाना में दो तथा नरवाना में एक को मताधिकार प्राप्त है जबकि उचाना विधानसभा क्षेत्र में कोई किन्नर मतदाता रिकॉर्ड पर नहीं है। आज अंबाला जिले में इनकी संख्या 43 है जबकि पांच वर्ष पहले यह केवल 7 थी। इसी तरह 5 वर्ष पहले इनकी संख्या जिला पंचकूला में 14 थी जो आज 23 है। ऐसे भी बहुत हैं जिन्होंने वोट नहीं बनवाई है।
जींद की सीमा महंत ने बताया कि उनके समाज में कई रह-रह कर अपने मां-बाप के घर आते-जाते रहते हैं, उनके न तो आधार कार्ड बन पाते हैं और न ही वोट। मतदान में रुचि कम होने के संबंध में एक ट्रांसजेंडर ने कहा कि एक तो उनकी दिनचर्या बहुत व्यस्त रहती है और दूसरे मतदाता संख्या कम होने के कारण कोई उम्मीदवार उनसे संपर्क नहीं करता और कोई प्रेरित करने भी नहीं आता।

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