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ट्रंप-मस्क विवाद के बावजूद शुभांशु शुक्ला के एक्सिओम-4 मिशन पर नहीं पड़ेगा असर!

05:00 AM Jun 07, 2025 IST
ट्रंप मस्क विवाद के बावजूद शुभांशु शुक्ला के एक्सिओम 4 मिशन पर नहीं पड़ेगा असर
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अक्षीव ठाकुर/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 6 जून
भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का 10 जून को निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक्सिओम-4 मिशन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और स्पेसएक्स प्रमुख एलन मस्क के बीच विवाद से प्रभावित नहीं होगा। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की प्रेस सचिव बेथनी स्टीवंस ने कहा कि नासा अंतरिक्ष के भविष्य के लिए राष्ट्रपति के दृष्टिकोण पर अमल करना जारी रखेगा। हम अंतरिक्ष में राष्ट्रपति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अपने उद्योग भागीदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे।
नासा के एक आधिकारिक सूत्र ने स्पष्ट किया है कि, ‘मिशन प्रभावित नहीं हुआ है। यह 10 जून को उड़ान भरेगा।’ उल्लेखनीय है कि ‘एक्स’ पर मस्क और ट्रंप के बीच वाकयुद्ध से विवाद बढ़ गया। इसकी शुरुआत मस्क द्वारा कांग्रेस के टैक्स विधेयक की आलोचना से हुई, जिसके बारे में उनका दावा था कि इससे राष्ट्रीय ऋण में वृद्धि होगी। ट्रंप ने पलटवार करते हुए कहा कि बजट में पैसे बचाने का सबसे आसान तरीका मस्क की सरकारी सब्सिडी और अनुबंधों को समाप्त करना है। इसका जवाब देते हुए मस्क ने अंतरिक्ष कैप्सूल की सेवाएं निलंबित करने की धमकी दी है। मस्क ने ‘एक्स’ पर अपने जवाब में कहा, ‘स्पेसएक्स अपने ड्रैगन अंतरिक्ष यान की सेवाएं तत्काल निलंबित करना शुरू कर देगा।’ नासा अन्य कार्यक्रमों के लिए भी ‘स्पेसएक्स पर बहुत अधिक निर्भर है, जिसमें अन्य मिशन को अंतरिक्ष में भेजना और अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना शामिल है।

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भारत ने मस्क की ‘स्टारलिंक’ को उपग्रह संचार सेवाओं का दिया लाइसेंस
नयी दिल्ली (एजेंसी) : उद्योगपति एलन मस्क की स्टारलिंक को भारत में उपग्रह संचार (सैटकॉम) सेवाओं के लिए लाइसेंस मिल गया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो उसे देश में वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने के और करीब ले जाएगी। यूटेलसैट वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस के बाद स्टारलिंक देश में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग से लाइसेंस प्राप्त करने वाली तीसरी कंपनी है। चौथी आवेदक, अमेज़न की कुइपर अभी भी अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रही है। सूत्रों ने बताया कि स्टारलिंक को लाइसेंस प्राप्त हुआ है। कंपनी को आवेदन करने के 15-20 दिनों में परीक्षण स्पेक्ट्रम प्रदान किया जाएगा। यह लाइसेंस मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सार्वजनिक रूप से हुए बड़े विवाद के कुछ घंटों बाद आया। स्टारलिंक।-रायटर फाइल फोटो

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स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल पर निर्भर है नासा

स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल एक ऐसा अंतरिक्ष यान है जो अंतरिक्ष में चालक दल को ले जाने में सक्षम है। नासा अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाने के लिए अंतरिक्ष यान पर बहुत अधिक निर्भर है। मस्क की अंतरिक्ष कंपनी सबसे बड़ी निजी अंतरिक्ष कंपनी है। नासा का आर्टेमिस कार्यक्रम जो अंतरिक्ष एजेंसी वैज्ञानिक खोज, प्रौद्योगिकी उन्नति के लिए चंद्रमा की खोज करने के लिए है, स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान पर निर्भर है। नासा ने मस्क के स्टारशिप के विकास में 4 बिलियन डालर का निवेश भी किया है। यदि स्पेसएक्स अंतरिक्ष यान को बंद कर देता है तो नासा के अंतरिक्ष मिशन का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। यदि ट्रम्प स्पेसएक्स के अनुबंधों को रद्द कर देते हैं, तो इससे रक्षा और अंतरिक्ष में कई अमेरिकी परियोजनाएं भी खतरे में पड़ जाएंगी।

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