जो कभी बदबूदार नाला था, अब बनेगा लहरा का हरा-भरा टूरिस्ट स्पॉट
बरसों से यह नाला सिर्फ गंदगी और खतरे का पर्याय था। आसपास रहने वाले लोग तंग थे—न मकानों की सही हालत, न सड़कों पर चलने की सुविधा। लेकिन अब कहानी बदल रही है। इस नाले में दो 4.5 फीट चौड़ी पाइपें डाली गई हैं, ताकि पानी बिना रुकावट बह सके। पहले 15 करोड़ की योजना को विभागीय ईमानदारी से 12 करोड़ में पूरा किया जा रहा है, जिससे सरकारी खजाने को 3.10 करोड़ की बचत हुई है।
तीन किलोमीटर लंबे और 32 फीट चौड़े इस नाले के किनारों को अब इंटरलॉकिंग टाइल्स से सजाया जा रहा है। चारों ओर हरियाली, पौधे, और सुरक्षा के लिए मजबूत जालियां लगेंगी। यही नहीं, इसकी देखभाल के लिए तीन कर्मचारी भी नियुक्त किए जाएंगे।
बारिश का पानी सीधे नाले में जाएगा : गोयल
मंत्री गोयल ने कहा कि लोग जिस रास्ते से गुजरने में कतराते थे, वो अब शाम की सैर और तस्वीरें लेने का फेवरेट स्पॉट बनेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि झुग्गी बस्तियों में बारिश का पानी अब जमा नहीं होगा और उसे सीधे नाले में बहा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार गांवों और शहरों को नया रूप देने में जुटी है। लहरा का 'डिच ड्रेन' उसका चमकता उदाहरण बन रहा है।