‘जीवन को दिव्यता, आनंद से भर देती है भक्ति’
समालखा (निस) : भक्ति वह अवस्था है, जो जीवन को दिव्यता और आनंद से भर देती है। यह न इच्छाओं का सौदा है, न स्वार्थ का माध्यम। सच्ची भक्ति का अर्थ है परमात्मा से गहरा जुड़ाव और निःस्वार्थ प्रेम। ये विचार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने जीटी रोड स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर रविवार को आयोजित ‘भक्ति पर्व समागम’ पर विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर दिल्ली, एनसीआर सहित देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु भक्त इस दिव्य संत समागम में सम्मिलित हुए और सभी ने सत्संग के माध्यम से आध्यात्मिक आनंद की दिव्य अनुभूति प्राप्त की। परम संत सन्तोख सिंह के अतिरिक्त अन्य संतों के तप, त्याग और ब्रह्मज्ञान के प्रचार-प्रसार में उनके अमूल्य योगदान को स्मरण किया गया और उनके जीवन से प्रेरणा ली गईं। समागम के दौरान अनेक वक्ताओं, कवियों और गीतकारों ने विभिन्न विद्याओं के माध्यम से गुरु महिमा और भक्ति का भावपूर्ण वर्णन किया।