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जीएसटी : आठ साल पूरे, अब कारोबार सुगम बनाने पर होगा जोर

05:00 AM Jul 02, 2025 IST
जीएसटी   आठ साल पूरे  अब कारोबार सुगम बनाने पर होगा जोर
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नयी दिल्ली, 1 जुलाई (एजेंसी)
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि आठ साल पूरे कर चुके वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का जोर अब कारोबार को सुगम बनाने और व्यापक आर्थिक समावेश को बढ़ावा देने पर होगा। कुल 17 करों और 13 उपकरों को शामिल कर एक जुलाई, 2017 से लागू जीएसटी ने अनुपालन को सरल और कर प्रणालियों को डिजिटल बनाकर एक निर्बाध राष्ट्रीय बाजार बनाने में मदद की है। वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘भारत की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने में जीएसटी की भूमिका मजबूत हो रही है।’ वित्त वर्ष 2024-25 में सकल जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 22.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जीएसटी संग्रह जून में 6.2 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। एक साल पहले इसी महीने में यह 1,73,813 करोड़ रुपये था।

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पंजाब में रिकॉर्ड 44 प्रतिशत ज्यादा कलेक्शन
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : पंजाब ने जून 2025 के लिए शुद्ध जीएसटी संग्रह में अभूतपूर्व 44.44 प्रतिशत की वृद्धि और वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2025-26 की पहली तिमाही के लिए 27.01 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। यह राज्य के इतिहास में किसी तिमाही और जून महीने में जीएसटी राजस्व में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि है। यह बात वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कही। उन्होंने दावा किया कि राज्य ने जीएसटी वृद्धि में राष्ट्रीय औसत को पीछे छोड़ दिया है, सीमा संबंधी तनाव सहित कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद पंजाब शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हुआ।

देश के आर्थिक परिदृश्य को दिया नया आकार : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था एक ऐतिहासिक सुधार है जिसने भारत के आर्थिक परिदृश्य को नया आकार दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘अनुपालन बोझ को कम करके, इसने खासकर छोटे और मझोले उद्यमों के लिए कारोबार को सुगम बनाया है। जीएसटी ने सही मायने में सहकारी संघवाद को बढ़ावा दिया है।’

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आर्थिक अन्याय का
हथियार : राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘ जीएसटी आर्थिक अन्याय और कॉरपोरेट भाईचारे का एक बर्बर हथियार है। इसे गरीबों को दंडित करने, एमएसएमई को कुचलने, राज्यों को कमजोर करने और पीएम के कुछ अरबपति दोस्तों को लाभ पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था।’

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