जींद में कांग्रेस भवन के हालात बदतर... दरवाजे-खिड़कियां टूटे, बन गया खंडहर!
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 15 जनवरी
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी को भले ही नया मुख्यालय मिल गया हो, मगर जींद का कांग्रेस भवन पूरी तरह गर्त में समाता जा रहा है। करोड़ों रुपए कीमत के प्लॉट पर बने कांग्रेस भवन की हालत जींद में कांग्रेस की बेहद दयनीय हालत जैसी ही है।
जींद की गांधीनगर कॉलोनी में कांग्रेस पार्टी का जिला कार्यालय है, जिसे कांग्रेस भवन कहा जाता है। कांग्रेस भवन के लिए 1967-68 में जींद के तत्कालीन कांग्रेस विधायक बाबू दयाकिशन ने टाउन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से जमीन अलॉट करवाई थी, जिस पर 1972 में आलीशान कांग्रेस भवन का निर्माण हुआ था। यह निर्माण जुलाना के तत्कालीन कांग्रेस विधायक चौधरी फतेह सिंह की देखरेख में हुआ था। लगभग 500 वर्ग गज के जिस प्लॉट पर लगभग 53 साल पहले कांग्रेस भवन का निर्माण हुआ था, आज उस प्लाट की कीमत ही करोड़ों रुपए में है। एक दौर में जींद का कांग्रेस भवन जींद जिले में कांग्रेस की मजबूत राजनीतिक स्थिति की तरह बहुत शानदार और आलीशान होता था। यह दौर 1987 तक का था, जब प्रदेश में कांग्रेस राज का सूर्य कभी अस्त नहीं होता था। जींद के कांग्रेस भवन में पार्टी के बड़े नेताओं का आना-जाना होता था। इनमें पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल, भजनलाल, खुर्शीद अहमद, गुलाम नबी आजाद, बीरेंद्र सिंह, शमशेर सिंह सुरजेवाला, भूपेंद्र हुड्डा आदि प्रमुख हैं। एक दौर में कांग्रेस भवन में हर महीने पार्टी की बैठक होती थी, मगर अब पिछले 15 साल से यहां मंथली बैठक नहीं हो रही।
10 साल सत्ता में रही कांग्रेस, नहीं बदले हालात
हरियाणा में 2005 से 2014 तक 10 साल भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार रही, मगर जींद के कांग्रेस भवन के हालात तब भी नहीं बदले। कांग्रेस के शासनकाल में जींद के कांग्रेस भवन की महज लीपापोती हुई, जबकि इसे कायाकल्प की जरूरत थी। तब कांग्रेस भवन के कायाकल्प की बात चली थी, लेकिन यह बात आगे नहीं बढ़ पाई।
कोई सुध लेने वाला नहीं
जींद जिले में कांग्रेस की राजनीतिक हालत पिछले 15 साल से जितनी पतली और खराब है, उससे भी खराब हालत जींद के कांग्रेस भवन की है। कांग्रेस भवन की चारदीवारी तक गिर चुकी है। इसके दरवाजे टूटे पड़े हैं। कांग्रेस भवन दूर से देखते ही एक खंडहर नजर आता है। कभी जींद में कांग्रेस की पहचान रहा जींद का कांग्रेस भवन आज अपनी दयनीय हालत पर आंसू बहा रहा है, और उसके आंसू पोंछने वाला कोई नहीं है। जींद में कांग्रेस की राजनीतिक हालत भी कांग्रेस भवन की तरह बहुत पतली है। 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी जींद में अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। 2019 में कांग्रेस को केवल सफीदों सीट से संतोष करना पड़ा था, तो 2024 में कांग्रेस का खाता जुलाना में खुल पाया। अब हालत यह है कि जींद में न तो कोई कांग्रेस की सुध लेने वाला है और न ही कांग्रेस भवन की।
जल्द ली जाएगी सुध : सुभाष गांगोली
सफीदों के पूर्व कांग्रेस विधायक सुभाष गांगोली ने कहा कि जींद के कांग्रेस भवन की सुध जल्द ली जाएगी। कांग्रेस भवन की या तो रिपेयर करवाई जाएगी या फिर इसे नए सिरे से बनवाया जाएगा। जैसे ही कांग्रेस का संगठन बन जाता है, तो जींद के कांग्रेस भवन के दिन भी फिर जाएंगे।