जींद बस अड्डे पर कृष्ण सुदामा फाउंडेशन ने लगवाया आरओ चिलर प्लांट
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 27 अप्रैल
42 करोड़ की लागत से बने जींद के नए बस स्टैंड पर पीने के पानी की जो व्यवस्था जन स्वास्थ्य विभाग लाखों रुपए की राशि खर्च करने के बावजूद नहीं कर पाया था, वह एक एनजीओ ने अपने खुद के दम पर कर दी है। अब बस अड्डे पर आने वाले हजारों यात्रियों को रोज शुद्ध पेयजल मिल रहा है।
लगभग 4 साल पहले जींद का नया बस अड्डा जींद बाईपास रोड पर पिंडारा गांव के पास बना था। बस अड्डे के निर्माण पर लगभग 42 करोड रुपए की कुल राशि खर्च हुई थी। इतनी मोटी राशि खर्च करने के बाद भी जींद के नए बस अड्डे पर पीने के पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई थी। पीने के पानी के लिए हरियाणा रोडवेज के जींद डिपो प्रबंधन ने जन स्वास्थ्य विभाग की मदद मांगी थी।
जींद के जन स्वास्थ्य विभाग ने नए बस अड्डे पर पेयजल के लिए लगभग 1200 से 1800 फीट गहराई तक पीने के मीठे पानी की तलाश की, लेकिन पीने के लिए मीठा पानी नहीं मिल पाया। यहां जन स्वास्थ्य विभाग ने जो भी बोर किया, उनके पानी का टीडीएस 2000 से कम नहीं आ रहा था। इस पूरी कवायद पर 15 लाख रुपए से ज्यादा की राशि खर्च हुई, लेकिन बस अड्डे पर यात्रियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था फिर भी नहीं हो पाई थी। शुरुआती दौर में लगभग 3 साल तक जींद के समाजसेवी और लक्ष्य ग्रुप के एमडी बलजीत रेढू ने अपने स्तर पर टैंकरों से पीने के पानी की व्यवस्था की। यह सिलसिला पिछले साल नवंबर महीने तक जारी रहा। उसके बाद लक्ष्य ग्रुप ने इस महंगे प्रोजेक्ट से अपने हाथ खींच लिए, जिसके बाद बस अड्डे पर पीने के पानी का भारी संकट खड़ा हो गया।
जल्द करवाया जाएगा उद्घाटन : जयभगवान
कृष्ण सुदामा चेरिटेबल फाउंडेशन ने नए बस अड्डे पर पीने के पानी की व्यवस्था का जिम्मा अपने सिर लिया। इस फाउंडेशन ने बस अड्डे पर जमीन के नीचे मानव उपयोग के अनुकूल मीठे पानी की तलाश शुरू की। फाउंडेशन ने लगभग 1200 टीडीएस वाला पानी तलाश लिया। फाउंडेशन ने यहां आरओ का चिलर प्लांट लगाया। अब बस अड्डे पर आने वाले यात्रियों को मुफ्त में लगभग 150 से 200 टीडीएस वाला पानी पीने के लिए मिल रहा है। कृष्ण सुदामा फाउंडेशन के जय भगवान यादव के अनुसार इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 13 लाख रुपए की राशि खर्च आई है। हरियाणा रोडवेज से केवल सबमर्सिबल और प्लांट के लिए जगह तथा बिजली का कनेक्शन लिया गया है। इन दिनों बस अड्डे पर हर रोज लगभग साढ़े 5 हजार लीटर पानी की खपत है। इसके लिए 11000 लीटर क्षमता की टंकियां रखी गई हैं, तथा 15000 लीटर पानी की स्टोरेज का अंडरग्राउंड टैंक बनाया गया है, ताकि किसी भी समय पानी की कोई कमी नहीं रहे। जयभगवान यादव कहते हैं कि जल्द इस प्रोजेक्ट का विधिवत उद्घाटन करवाया जाएगा। हालांकि यात्रियों के लिए पेयजल सुविधा शुरू कर दी गई है।