जींद नगर परिषद की बैठक में चेयरपर्सन, विधायक में तल्खी उजागर
जींद, 26 दिसंबर (हप्र)
चेयरपर्सन डॉ़ अनुराधा सैनी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को नगर परिषद की बैठक हुई। बैठक में विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ़ कृष्ण मिड्ढा भी मौजूद रहे। हाउस की बैठक में प्रस्ताव पास कर अमरहेडी और अहिरका गांवों को जींद शहर में शामिल किए जाने की मांग भी की गई। चेयरपर्सन डॉ़ अनुराधा सैनी और डॉ़ कृष्ण मिड्ढा के बीच की राजनीतिक तल्खी एक बार फिर उजागर हुई। बैठक में डॉ़ मिड्ढा ने कहा कि शहर के विकास के लिए पैसा भी वहीं सरकार से लाएं और लोगों की बात भी वही सुनें। उन्होंने डीएमसी को नगर परिषद द्वारा चलाए बंदर पकड़ो और सड़कों से बेसहारा गोवंश को हटाए जाने के मामले की विजिलेंस जांच करवाने के लिए कहा। बैठक शुरू होते ही चेयरपर्सन डॉ़ अनुराधा सैनी के समर्थक कुछ पार्षदों ने कहा कि उनके वार्डों में विकास के काम नहीं हो रहे हैं। इसके लिए पार्षदों ने भले ही किसी को सीधे जिम्मेदार नहीं ठहराया, लेकिन जब विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ़ कृष्ण मिड्ढा के बोलने की बारी आई तो उन्होंने कहा कि शहर के विकास के लिए सरकार से पैसा भी वह लाएं और लोगों की बात भी वही सुनें। विधानसभा उपाध्यक्ष यहीं नहीं रुके। उन्होंने नगर परिषद के कामकाज पर परोक्ष तरीके से सवाल उठाते हुए कहा कि शहर में बंदर पकड़ने और सड़कों से बेसहारा गोवंश को हटाने के काम में कई तरह की शिकायत मिल रही हैं। इस पर काफी पैसा खर्च हो चुका है, लेकिन अभी तक शहर में बंदरों का आतंक है और सड़कों पर गौवंश डेरा डाले बैठे रहते हैं। डॉ मिड्ढा ने डीएमसी से कहा कि इस अभियान की विजिलेंस से जांच करवाई जाए।
प्रॉपर्टी आईडी में गड़बड़ी का मामला उठा
बैठक में कई पार्षदों ने कहा कि शहर में प्रॉपर्टी आईडी की त्रुटियां हैं कि दूर होने का नाम नहीं ले रही। इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। प्रॉपर्टी आईडी की कमियां ठीक करवाना लोगों के लिए भारी मुसीबत बन गया है। बृहस्पतिवार की बैठक में करोड़ों रुपए के विकास कार्य करवाने पर भी मोहर लगी।
क्यों है राजनीतिक अनबन
नगर परिषद की राजनीति में चेयरपर्सन डॉ अनुराधा सैनी और जींद के भाजपा विधायक तथा अब हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण मिड्ढा के बीच राजनीतिक तल्खी है। दोनों के बीच यह राजनीतिक तल्खी विधानसभा के वाइस चेयरमैन के चुनाव के समय पैदा हुई थी। उस समय डॉ कृष्ण मिड्ढा ने वाइस चेयरमैन पद के लिए जिस पार्षद का नाम आगे किया था, उसकी बजाय अर्चना शर्मा को वाइस चेयरमैन बनाया गया था। इसके पीछे खुद बीजेपी का नेतृत्व भी था। यहीं से डॉ अनुराधा सैनी और विधायक के बीच राजनीतिक तल्खी की शुरू हुई थी, जो अब तक जारी है।