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जींद के नशामुक्ति केंद्रों की हकीकत : नशा छोड़ चुके लोगों का नहीं ले रहे फॉलोअप

05:11 AM Jan 08, 2025 IST
जींद के नशामुक्ति केंद्रों की हकीकत   नशा छोड़ चुके लोगों का नहीं ले रहे फॉलोअप
जींद के डीसी और एसपी मंगलवार को एक नशामुक्ति केंद्र का निरीक्षण करते हुए। -हप्र
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जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 7 जनवरी : जींद शहर में चल रहे नशामुक्ति केंद्र गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे। नशामुक्ति केंद्रों से जो लोग केंद्र संचालकों की नजर में नशा छोड़ चुके हैं, उनका कोई फॉलोअप नशामुक्ति केंद्र संचालक नहीं ले रहे। यही नहीं, इंजेक्शन से नशा लेने वालों की एचआईवी तक की जांच नहीं करवाई जा रही, जबकि ऐसा करना बेहद जरूरी है।
यह बड़ा और गंभीर खुलासा मंगलवार को जींद के डीसी मोहम्मद इमरान रजा और एसपी राजेश कुमार द्वारा स्वास्थ्य विभाग की टीम को साथ लेकर जींद के दो नशामुक्ति केंद्रों की जांच के दौरान हुआ। डीसी और एसपी ने नशामुक्ति केंद्र संचालकों को गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करने के कड़े निर्देश दिए। जिला प्रशासन के दो सबसे वरिष्ठ अधिकारी डीसी और एसपी पहली बार जींद जिले में नशामुक्ति केंद्रों का निरीक्षण करने के लिए फील्ड में उतरे। उनके साथ एसडीएम सत्यवान मान और सिविल अस्पताल के साइकेट्रिस्ट डॉ. संकल्प डोडा भी थे। डीसी, एसपी और एसडीएम पहले सोमनाथ मंदिर के पास के नई सोच नशामुक्ति केंद्र में पहुंचे। यहां नशामुक्ति केंद्र को लेकर किसी तरह का कोई बोर्ड नहीं लगा था। इसका डीसी और एसपी ने गंभीर नोटिस लिया और कहा कि यहां नशामुक्ति केंद्र होने का बोर्ड लगाया जाए। दोनों अधिकारियों को निरीक्षण में पता चला कि उन लोगों से किसी तरह का कोई फॉलोअप नहीं लिया गया, जो नशामुक्ति केंद्र संचालकों की नजर में नशा छोड़ चुके हैं। एसपी राजेश कुमार ने नशामुक्ति केंद्र संचालक से कहा कि इस तरह का फॉलोअप हर हालत में लिया जाए। उक्त नशामुक्ति केंद्र में कार्यरत एमबीबीएस चिकित्सक के पास 6 महीने का जरूरी डिप्लोमा नहीं मिला। जब डिप्लोमा बारे पूछा गया तो बताया गया कि वह डिप्लोमा कर रहे हैं। इसका प्रशासन के अधिकारियों ने गंभीर नोटिस लिया। इसी नशामुक्ति केंद्र में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन कैश में दिया जा रहा है। इसे भी प्रशासनिक अधिकारियों ने गंभीरता से लिया और निर्देश दिए कि कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में ऑनलाइन डाला जाए।

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बियोंड नशामुक्ति केंद्र में भी स्टाफ को सैलरी कैश में : नई सोच नशा मुक्ति केंद्र का निरीक्षण करने के बाद डीसी और एसपी नरवाना रोड स्थित बियोंड नशामुक्ति केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां भी कुछ कर्मचारियों को सैलरी कैश में दिए जाने की बात सामने आई। इस पर अधिकारियों ने केंद्र संचालक को कहा कि सभी कर्मचारियों का वेतन ऑनलाइन दिया जाए। इस केंद्र में भी उन लोगों का कोई फॉलोअप नहीं मिला, जो यहां से नशा छोड़कर जा चुके हैं। इस पर डीसी ने केंद्र संचालक को इस तरह का फॉलोअप हर हालत में लेने और इसका रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए कहा। साथ ही निर्देश दिए कि केंद्र के बाहर यहां तैनात चिकित्सक से लेकर दूसरे स्टाफ का पूरा ब्यौरा डिस्प्ले किया जाए।
बहुत बदनाम रहे हैं नशामुक्ति केंद्र : जींद में कई नशामुक्ति केंद्र बहुत बदनाम रहे हैं। कई साल पहले सफीदों रोड स्थित एक नशामुक्ति केंद्र में नशेड़ियों को अमानवीय यातनाएं दिए जाने का मामला उजागर हुआ था, जिसके बाद नशामुक्ति केंद्र को प्रशासन ने खाली करवा लिया था। उसके बाद जींद के रोहतक रोड पर एक नशामुक्ति केंद्र में दो युवकों की हत्या हो गई थी। पिछले साल जींद के एक नशामुक्ति केंद्र में एक युवक की मौत हो गई थी। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि नशामुक्ति केंद्रों में कुछ खामियां मिली हैं, जिन्हें दूर करने के लिए कहा गया है। नशामुक्ति केंद्रों में दाखिल मिले कई युवक हैं, जिन्हें नशे की दुनिया से बाहर निकाल उन्हें मुख्य धारा में लाना है।

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