For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

जींद के कई गांवों और कॉलोनियों के पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा 5 से ज्यादा

04:45 AM Dec 07, 2024 IST
जींद के कई गांवों और कॉलोनियों के पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा 5 से ज्यादा
जींद की जिला फ्लोरोसिस लैब में पेयजल के सैंपलों की जांच करते डिप्टी सिविल सर्जन डेंटल डॉ रमेश पांचाल। -हप्र
Advertisement
जसमेर मलिक/हप्रजींद, 6 दिसंबर
जिले के कई गांवों और जींद शहर की कई कॉलोनियों के लोग ऐसा पानी पी रहे हैं, जिसमें पीपीएम की मात्रा 5 से लेकर 12 पीपीएम तक है। ऐसे पानी के साथ स्कूली बच्चे और अन्य लोग बीमारी भी गटक रहे हैं। इस तरह का पीने का पानी मानव उपयोग के कतई अनुकूल नहीं है। पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होने से लोग कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। पेयजल की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने जींद जिले को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत जींद में जिला फ्लोरोसिस लैब स्थापित की गई है। लैब में जांच के लिए आए एक साल के सैंपलों की जांच रिपोर्ट बताती है कि जिले के कई गांवों में पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य से बहुत ज्यादा है। लैब में नवंबर 2023 से नवंबर 2024 तक कुल 543 पेयजल सैंपलों की जांच की गई। इनमें से 266 सैंपलों में फ्लोराइड की मात्रा उक पीपीएम मिली, जबकि 181 सैंपलों में पीपीएम की मात्रा 1.5 पीपीएम मिली। 97 सैंपल ऐसे थे, जिनमें पेयजल में पीपीएम की मात्रा 2.5 या इससे ज्यादा मिली। पेयजल में पीपीएम की मात्रा एक हो तो उसे सामान्य कहा जाता है। 1.5 पीपीएम की औसत और 1.5 या इससे ज्यादा पीपीएम को खतरनाक माना जाता है। जिन गांवों के पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा मिली, उनमें मलार, जामनी, रिटोली, रजाना खुर्द, मिलकपुर, पाजू कलां, रोहड, पाजू खुर्द, गोविंदपुरा, बुआना, बारसोला, दरियावाला, सरफाबाद, ऐंचरा खुर्द, कलावती, बुटानी, मुआना, झांझ कलां, खेड़ी मसानियां, बुढ़ा खेड़ा, संडील, थूआ, करसिंधु, उचाना खुर्द, शादीपुर, मखंड, पोली प्रमुख हैं। इन गांवों में से मलार के पेयजल में पीपीएम की मात्रा 6.18 से 9.79 तक मिली, जबकि जामनी में 5.14 से 5. 13 तक पीपीएम की मात्रा मिली। सेढ़ा माजरा गांव के पेयजल में पीपीएम की मात्रा 9.20 मिली। बुटानी के पेयजल में 5.11, खापड़ के पेयजल में 5.26, संगतपुरा के पेयजल में 7.12, जुलानी के पेयजल में 6 और पालवां के पेयजल में 9.18 तक पीपीएम की मात्रा मिली।
Advertisement

जींद शहर में भी हालत काफी खराब
जींद की शिव कॉलोनी के पेयजल में 5. 85 से 6.15, जींद के सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा केंद्र के पेयजल के सैंपल में पीपीएम की मात्रा 5.55 मिली। ओमनगर के पेयजल में पीपीएम की मात्रा 6.11 मिली। यह इलाका हांसी ब्रांच नहर के काफी नजदीक है और इस क्षेत्र के पेयजल को शहर के दूसरे क्षेत्रों के पेयजल के मुकाबले काफी बेहतर माना जाता है।

ज्यादा फ्लोराइड वाले पानी से दांतों, हड्डियों पर पड़ता है बुरा असर
पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होने का सबसे बुरा असर दांतों और हड्डियों पर पड़ता है। जींद के डिप्टी सिविल सर्जन डेंटल डॉ. रमेश पांचाल के अनुसार ज्यादा फ्लोराइड वाला पानी पीने से बच्चों के दांत पीले पड़ जाते हैं। ऐसा पानी पीने से बच्चों के शरीर में खून भी नहीं बनता और बच्चे एनीमिया के शिकार हो जाते हैं। हड्डियां भी ऐसे पानी से कमजोर हो जाती हैं। जिला फ्लोरोसिस लैब के नोडल ऑफिसर डॉ. पांचाल ने कहा कि लैब में पेयजल सैंपलों की जांच रिपोर्ट शिक्षा विभाग और जन स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाती है, ताकि पेयजल की क्वालिटी में सुधार किया जा सके।

......

Advertisement

Advertisement
Advertisement