जन्म देने वालों को तरस नहीं आया, सर्द रात में नवजात बच्ची को लावारिस छोड़ा, बचाने वाली ‘मां’ रो पड़ी
रामकुमार तुसीर
सफीदों, 15 जनवरी
यहां 14-वार्ड की आदर्श कॉलोनी की एक गली में बुधवार सुबह 5 बजे एक नवजात बच्ची गंदे कपड़ों में लिपटी बरामद हुई। कॉलोनी के मजदूर कृष्ण की पत्नी सीमा ने बताया कि उसे किसी बच्चे के रोने की आवाज पर दरवाजा खोला तो उनके मकान के सामने गली में नवजात बच्ची रो रही थी। उसने पुलिस की डायल 112 टीम को फोन किया। बच्ची को सफीदों के सिविल अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे पीजीआई खानपुर के लिए रेफर कर दिया गया।
हालांकि नवजात की हालत को देखते हुए सीमा, उसके पति कृष्ण व अन्य सहयोगियों ने बच्ची को एक निजी बाल अस्पताल में भर्ती करवाया। अस्पताल में जिला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की कॉउंसलर ममता शर्मा, सदस्य कुसुम व जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता भी पहुंचे। डाक्टर विकास शर्मा ने बताया कि बच्ची इंटेंसिव केअर में सुरक्षित है, बस थोड़ा इन्फेक्शन जरूर है। शाम को टीम जींद के सिविल अस्पताल के लिए बच्ची को ले गई।
ममता शर्मा ने बताया कि ठीक होने के बाद बच्ची को कारा (केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन) की मान्य बाल कल्याण एजेंसी के केंद्र में इसे शिफ्ट किया जाएगा। दो माह बाद उसे गोद देने की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने कहा कि बच्ची को बचाने वाली सीमा को जिला प्रशासन से पुरस्कृत कराया जाएगा। सीमा के बयान पर सिटी थाना पुलिस ने अज्ञात पर 12 वर्ष से कम आयु के शिशु को यूं छोड़ देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। इसकी जांच उपनिरीक्षक सुरेश कुमार ने शुरू की है।
बच्ची को ले जाने लगे तो रो पड़ी सीमा
महज 11 घंटे में बच्ची के साथ सीमा काे लगाव हो गया। जब टीम उसे जींद ले जाने लगी तो सीमा उसे गोद में लेकर रो पड़ी। सीमा का पति कृष्ण पल्लेदारी का काम करता है, जबकि सीमा घरों में सफाई का काम करती है। उनके दो बेटे व एक बेटी है। वह सीमा को रखना चाहती थी, लेकिन उसे बताया गया कि इसके लिए उसे गोद लेने की लंबी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।