चीका में फर्जी प्राॅपर्टी आईडी बना रजिस्ट्रियां करने का मामला पहुंचा डीसी दरबार
जीत सिंह सैनी / निस
गुहला चीका, 25 दिसंबर
गुहला चीका में फर्जी प्रॉपर्टी आईडी बनाने व इन फर्जी आईडीओं पर रजिस्ट्री करने और अवैध कालोनी को वैध दिखाने का मामला आज डीसी के दरबार में पहुंच गया है। चीका के वार्ड नंबर 15 डेरा भाग सिंह निवासी जगजीत सिंह ने इस मामले को ग्रीवेेंस कमेटी में रखने के लिए डीसी कैथल को एक लिखित शिकायत दी है। जगजीत सिंह ने अपनी शिकायत में बताया है कि शहरी प्राॅपर्टी में विवादों से बचने के लिए प्रदेश सरकार ने प्राॅपर्टी आईडी बनाई है, लेकिन चीका नगरपालिका के अधिकारियों ने कालोनाइजरों के साथ मिलकर एक पार्षद की मदद से कई फर्जी प्राॅपर्टी आईडी बना डाली और इन फर्जी प्राॅपर्टी आईडीओं की मदद से कालोनाइजरों ने अवैध कालोनी को वैध दिखाकर रजिस्ट्रियां करवा ली।
जगजीत सिंह ने उपायुक्त को दी अपनी शिकायत में बताया है कि फर्जी प्राॅपर्टी आईडी बनाने और इनके बल पर अवैध कालोनियों को वैध दिखाकर रजिस्ट्रियां करवाने के कालोनाइजरों के मंसूबों से उन्होंने गुहला के तहसीलदार को पहले ही लिखित में सचेत कर दिया दिया था, लेकिन सब कुछ जानते हुए भी इन अवैध कालोनियों में धड़ल्ले से रजिस्ट्रियां कर सरकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई हैं। इन आईडीओं पर जिस कालोनी की रजिस्ट्रियां करवाई गई हैं, जगजीत सिंह ने बाकायदा उनकी खेवट नंबर व खसरा नंबर का भी अपनी शिकायत में जिक्र किया है।
जगजीत सिंह ने बताया कि जिन लोगों को खेवट नंबर व खसरा नंबर का मालिक दर्शा रजिस्ट्रियां करवाई गई हैं, उन लोगों का इस भूमि से दूर तक का भी वास्ता नहीं है। जगजीत सिंह ने बताया कि इस कालोनी को जिला नगर योजनाकार ने भी अवैध बताते हुए अपने पत्र में यहां बने निर्माण को एसडीएम की मंजूरी से गिरवाने व इनकी रजिस्ट्रियों पर रोक लगाने की सिफारिश की थी, लेकिन अधिकारियों ने नगर योजनाकार विभाग की भी परवाह नहीं की।
जगजीत सिंह ने बताया कि वे पहले ही एसडीएम गुहला से लेकर उपायुक्त कैथल, महानिदेशक प्राॅपर्टी एसीबी, सीएम विंडो व मुख्य सचिव हरियाणा सरकार तक को शिकायतें देने के अलावा तहसीलदार गुहला को भी लिखित में शिकायत दे चुके हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया।
जगजीत सिंह ने उपायुक्त कैथल को शिकायत देने के उपरांत पत्रकारों को बताया कि चीका में कम से कम 28 फर्जी प्राॅपर्टी आईडी बनाने और इन पर रजिस्ट्रियां करवाने का मामला उनके संज्ञान में आया है और अब वे इस मामले को ग्रीवेंस कमेटी में उठा भ्रष्टाचार में संलिप्त कई अधिकारियों की पोल खोलेंगे।
''सभी प्राॅपर्टी आईडी ऑनलाइन बनाई गई हैं, वे पूरी तरह से सही हैं। जिन लोगों के नाम आईडी बनी है, उनकी तरफ से कोई शिकायत नहीं आई है। मामले की जांच एसडीएम गुहला कर रहे हैं। जांच के बाद पूरा सच सामने आ जाएगा।''
-खुश राम, जेई नगरपालिका, चीका
''हर एक प्राॅपर्टी आईडी यूएलबी पर बनाई जाती है। कोई भी रजिस्ट्री करने से पहले उसका टोकन नंबर लगता है और यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रहती है। कुछ रजिस्ट्रियों को लेकर शिकायत आई थी तो उन्हें मंजूरी के लिए पहले उच्च अधिकारियों को भेजा गया था। मंजूरी के बाद ही रजिस्ट्रियां की गई हैं। जगजीत सिंह आदतन शिकायतकर्ता है और कई लोगों ने उसके खिलाफ एफिडेविट द ब्लैकमेल करने के आरोप लगाए हैं। जगजीत सिंह के खिलाफ भी जांच की जा रही है।''
-मनजीत सिंह, तहसीलदार, गुहला
''उपायुक्त के आदेशों पर नगरपालिका चीका के अधिकारियों द्वारा बनाई गई प्रापर्टी आईडी और उनके आधार पर हुई रजिस्ट्रियों की पूरी निष्पक्षता से जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसे उच्च अधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा। जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।''
-कृष्ण कुमार, एसडीएम, गुहला