For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

चार कमरों के स्मार्ट स्कूल में 300 बच्चे, आठ अध्यापक

07:28 AM May 30, 2025 IST
चार कमरों के स्मार्ट स्कूल में 300 बच्चे  आठ अध्यापक
मोहाली के शाही माजरा में बृहस्पतिवार को दौरा करने पहुंचे डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी।
Advertisement


मोहाली, 29 मई (निस)
Advertisement

आज मोहाली नगर निगम के डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने शाही माजरा गांव के सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल का दौरा किया। दौरे के दौरान जहां उन्होंने बच्चों से मुलाकात की, वहीं स्कूल की दयनीय स्थिति देखकर उन्होंने काफ़ी रोष व्यक्त किया और सरकार से इस स्कूल की स्थिति में सुधार की मांग की।

उन्होंने कहा कि जहां पंजाब सरकार की ओर से शिक्षा क्रांति के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, वहीं मोहाली जैसे महत्वपूर्ण ज़िले और शहर के इस स्कूल की हकीकत इन दावों की हवा निकाल रही है। उन्होंने बताया कि लगभग तीन मरले के छोटे से प्लॉट में चार कमरों में 300 बच्चे और आठ अध्यापक ठूंसे हुए हैं। एक ही कमरे में दो-दो कक्षाएं चल रही हैं, सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। न तो कोई प्लेग्राउंड है, न ही बच्चों के बैठने की कोई ढंग की जगह। और तो और, यहां प्राइमरी स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों के लिए कोई झूला तक नहीं लगा। उन्होंने बताया कि स्कूल की इमारत पहले धर्मशाला थी, जिसे थोड़ी-बहुत मरम्मत करके अस्थायी तौर पर स्कूल बना दिया गया था। यहीं पर खेल का मैदान भी है जहां हर अगस्त महीने में गांव के लोग कार्यक्रम करते हैं। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के लिए यह इमारत न केवल असुरक्षित है, बल्कि यहां मिड-डे मील पकाने की कोई जगह नहीं है और न ही बच्चों के लिए वॉशरूम की उचित सुविधा है। ऐसी स्थिति शिक्षा विभाग की नाकामी का जीता-जागता सबूत है।

Advertisement

डिप्टी मेयर ने सीधे तौर पर पंजाब सरकार और शिक्षा विभाग को सवालों के घेरे में लेते हुए कहा कि कायाकल्प जैसी योजनाओं की बात करने वाली सरकारों ने कभी शाही माजरा जैसे गांवों की हकीकत नहीं देखी। हम सरकार से विनती करते हैं कि इस स्कूल के लिए नई जगह मुहैया करवाई जाए और एक नई इमारत तैयार करवाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यहीं पास में ही गमाडा का एक बड़ा पार्क है और इस स्कूल के लिए वहां इमारत बनाई जा सकती है जिससे बच्चों को खेल का मैदान भी मिल जाएगा।

कुलजीत सिंह बेदी ने कहा कि अगर हम असली शिक्षा क्रांति लाना चाहते हैं तो यह केवल दावों से नहीं, बल्कि ज़मीनी हकीकत बदलने से होगी।

Advertisement
Advertisement