चमकदार कैरियर के अनुकूल शहर, जिनका रुख करेंगे युवा
सर्वेक्षणों के अनुसार, भारत में 2025 और 2026 में औसतन वेतन वृद्धि 9.5 फीसदी के आसपास रहेगी। हालांकि कई कारकों के चलते बेंगलुरु कैरियर ग्रोथ और वेतन के मामले में नंबर वन शहर है। तेज ग्रोथ वाले हैदराबाद व चेन्नई भी रेस में हैं व मुंबई, अहमदाबाद, पुणे और गुड़गांव भी। इन शहरों में जो सबसे ज्यादा रहने के लिए सुविधाजनक होगा, वहीं सबसे ज्यादा कैरियर ग्रोथ की संभावना रहेगी। कई शहरों में एआई और ऑटोमेशन का विकास भी युवाओं को आकर्षित करेगा।
कीर्तिशेखर
कैरियर और लगातार ग्रोथ करने के लिहाज से इस समय भारत का सबसे बेहतर शहर बेंगलुरु है। सैलरी के मामले में भी देश के टॉप पांच शहरों में सबसे पहला नंबर बेंगलुरु का ही है। अगले पांच सालों तक बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, चेन्नई और गुड़गांव टॉप कैरियर शहर होंगे व इन्हीं शहरों में सबसे ज्यादा चमचमाता भविष्य तलाशने वाले युवा आकर्षित होंगे। इस समय बेंगलुरु वेतन के मामले में देश का नंबर वन शहर है। ‘जॉब्स एंड सैलरीज प्राइमर फाइनेंशियल ईयर-2024’ टीम लीज के हिसाब से बेंगलुरु शहर में औसत समग्र मासिक वेतन 29,500 रुपये है, जो कि देश के बाकी महानगरों के मुकाबले 8 से 15 फीसदी ज्यादा है। टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा किये गये सर्वे ‘रेस फॉर टैलेंट’ में भी बेंगलुरु- जूनियर, मिड और सीनियर यानी तीनों ही वेतन श्रेणियों में क्रमशः रुपये 7.2 लाख, रुपये 20.4 लाख और रुपये 37.2 लाख के औसत से भारतीय शहरों में शीर्ष पर है।
सैलरी को लेकर हैदराबाद, चेन्नई रेस में
हालांकि नये सर्वे (इनडीड) के मुताबिक, हैदराबाद और चेन्नई भी बहुत तेजी से अगले पांच सालों में सैलरी देने के मामले में देश के टॉप शहर बनने का मुकाबला करेंगे। लेकिन ज्यादातर अनुमान यही हैं कि 2030 तक यह सेहरा बेंगलुरु के सिर पर ही रहेगा। हैदराबाद और चेन्नई के बाद तीसरा शहर अहमदाबाद विशेषकर सैलरी के मामले में तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। यहां सैलरी ग्रोथ दूसरे मेट्रो सिटीज के मुकाबले 20 से 25 फीसदी ज्यादा रही है। हालांकि सर्वे से निकला डाटा कोई तथ्य नहीं होता, एक अनुमान ही है। जहां दूसरे कई डाटा बेंगलुरु को सैलरी के लिहाज से देश का टॉप शहर बता रहे हैं, वहीं इनडीड यह तमगा चेन्नई को दे रहा है। लेकिन ग्रोथ रेट और लॉजिक के हिसाब से यह बेंगलुरु ही है।
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर हब
कैरियर के मामले में बेंगलुरु के बेहतरीन होने की वजह यह है कि बेंगलुरु इस समय ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) हब बन चुका है। भारत के 40 फीसदी से ज्यादा जीसीसी बेंगलुरु में ही हैं। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, गोल्डमैन सैक्स जैसी 250 से ज्यादा बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपने मुख्य कार्यकारी दफ्तरों के साथ बेंगलुरु में मौजूद हैं जो अपना आरएंडडी (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) सेंटर भी यहीं चलाती हैं तथा यहीं से नये उत्पादों और नवाचारों को बाजार में उतारती हैं। इसी तरह बेंगलुरु इस समय देश का स्टार्टअप और डीप टेक इकोसिस्टम का भी हब है। 44 फीसदी भारतीय यूनिकॉर्न बेंगलुरु में ही स्थित हैं या यहीं से निकले हैं। एआई, सेमीकंडेक्टर और एयरोस्पेस केंद्रित स्टार्टअप बेंगलुरु में ही हैं। बेंगलुरु में एक नई तरह की टैलेंट ओरिएंटेड जीवनशैली विकसित हो रही है। इस शहर में 20 लाख से ज्यादा आईटी पेशेवर कार्यरत हैं तथा विश्व स्तरीय को-वर्किंग स्पेस हैं। किराया काफी कम है और प्रतिभा खींचने के मामले में बेंगलुरु की क्षमता अद्भुत है।
हैदराबाद भी बहुत पीछे नहीं
लेकिन हैदराबाद और चेन्नई भी बहुत पीछे नहीं हैं। माना जाता है कि अगले दो सालों में यानी 2025 से 2027 के बीच हैदराबाद नौकरियां उपलब्ध कराने के मामले में बेंगलुरु को भी पीछे छोड़ देगा। अनुमान है कि यहां वेतन वृद्धि भी देश के दूसरे शहरों में सबसे ज्यादा होगी। अप्रैल 2023-24 के बीच किये गये इनडीड आधारित अध्ययन के मुताबिक पिछले एक साल में हैदराबाद में आईटी जॉब पोस्टिंग 41.5 फीसदी तक बढ़ी थी, जबकि बेंगलुरु की वृद्धि दर इसके मुकाबले काफी कम थी।
हैदराबाद के ग्रोथ फैक्टर
हैदराबाद को भविष्य का पसंदीदा कैरियर शहर बनाने वाली यहां कई ताकतें काम कर रही हैं। मसलन सरकार की टीएस-आई पास जैसी सिंगल विंडो नीतियां व निवेश आकार ढांचा। यहां 302 एकड़ में एक मेडिकल डिवाइस पार्क निर्मित हो रहा है, जो अगले दो तीन सालों में जब पूरी तरह से तैयार हो जायेगा, तब साढ़े पांच से छह लाख नौकरियां इसमें निकलेंगी। वहीं साइबर सुरक्षा का क्षेत्र है जहां हैदराबाद बहुत तेजी से छलांग लगा रहा है। इसके अलावा क्लाउड एवं बीएफएसआई-जीसीसी में भी बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। अनुमान है कि अगले कुछ सालों तक हैदराबाद में सालाना सैलरी ग्रोथ रेट 10-12 फीसदी तक लगातार बना रहेगा। साल 2024-25 के विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार पूरे भारत में 2025 और 2026 में औसतन वेतन वृद्धि 9.5 फीसदी के आसपास रहेगी। ऐसे में यानी बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे और गुड़गांव के बीच सबसे ज्यादा रहने के मामले में सुविधाजनक होगा, उसी शहर में सबसे ज्यादा कैरियर ग्रोथ की संभावना रहेगी। क्योंकि अगर कोई शहर वेतन वृद्धि में अव्वल है, लेकिन वहां ज्यादा महंगाई व अशांति होती है तो उन शहरों का ग्रोथ रेट समस्यामुक्त शहर के मुकाबले रुक जायेगा।
जनरेटिव एआई और ऑटोमेशन से भविष्य
अगले पांच सालों में वेतन वृद्धि और कैरियर की संभावनाओं के लिहाज से जिन शहरों का भविष्य चमकदार दिखता है, उसके पीछे महत्वपूर्ण कारण होंगे -जनरेटिव एआई और ऑटोमेशन। आने वाले पांच सालों में 35 से 45 फीसदी भर्ती नीतियां जनरेटिव एआई से प्रभावित होंगी यानी आज के मुकाबले 35 से 45 फीसदी तक कामगारों की जगह रोबोट्स काम करेंगे। जिन शहरों में ये सुविधाएं होंगी और जिन शहरों में ग्लोबल टैक कंपनियां डेरा डालेंगी, वही शहर कैरियर और चमकदार नौकरियां देने में सबसे आगे होंगे। कुछ टियर-2 शहर नये सिरे से ग्रोथ की छलांग लगाने के लिए तैयार हैं - भोपाल, मैसूर और कानपुर।
मैसूर और भोपाल में अभी से कामगार बेंगलुरु और चेन्नई जैसा वेतन मांगने लगे हैं। कानपुर में भी यह स्थितियां बन रही हैं। उन्हीं शहरों में चमकदार कैरियर का भविष्य बनेगा, जहां मेट्रो रेल सुविधाएं, सेमी हाईस्पीड कॉरिडोर और डिजिटल कनेक्टिविटी की स्थितियां बेहतर होंगी। जिस तरह दिन-प्रतिदिन इन शहरों में क्लाउड सिक्यूरिटी, ईवी ड्राइव ट्रेन, फिनरिक टेक व क्लाइमेट टेक विशेषज्ञ डेरा डालेंगे, तो अपने आप कंपनियों को बड़े पैकेज देने पड़ेंगे। साल 2027 तक कौशल आधारित वेतन-बैंड लागू होगा। - इ.रि.सें.