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चंदेल ने किया 'चमत्कार', पहाड़ की तलहटी में लगाया ऑर्गेनिक सब्जी का बाग

05:00 AM Jan 21, 2025 IST
चंदेल ने किया  चमत्कार   पहाड़ की तलहटी में लगाया ऑर्गेनिक सब्जी का बाग
नारनौल के गांव नांगल दर्गू में आर्गेनिक खाद से तैयार फसल दिखाते ख्यालीराम चंदेला। -हप्र
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नारनौल, 20 जनवरी (हप्र)अगर इंसान के इरादे मजबूत हों तो वह राह में आने वाली हर बाधा को आसानी से पार कर सकता है। नांगल चौधरी के गांव नांगल दर्गू निवासी ख्यालीराम चंदेला का जीवन भी कुछ ऐसा ही है। मुश्किल हालात से जूझते हुए उन्होंने कामयाबी का एक ऐसा उदाहरण पेश किया है, जिसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है। डार्क जोन में आने वाले इस संभाग में जहां लोगों को उपजाऊ जमीन पर फसल पैदा करने में परेशानी आती है, वहीं नांगल दर्गू के इस किसान ने कड़ी मेहनत से पहाड़ की तलहटी में करीब एक एकड़ जमीन को समतल कर उसमें हरा-भरा बाग एवं सब्जी की बाड़ी लहरा दी। सबसे खास बात यह कि बागवानी उन्होंने आर्गेनिक खाद से तैयार की है। उनकी बागवानी की सब्जी लेने व इसे देखने के लिए प्रतिदिन दूर-दराज से लोग यहां पहुंच रहे हैं। यहां आने वाले हर व्यक्ति को ख्यालीराम सब्जियों की पूरी खेप भेंट करके बदले में उनसे कोई पैसा नहीं लेते।
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गौरतलब है कि नांगल चौधरी संभाग में सिंचाई के पानी की कमी है। भूजल स्तर के पाताल में चले जाने से सरकार ने भी इस पूरे क्षेत्र को डार्कजोन घोषित किया हुआ है। यहां तक कि गांव में पीने के पानी की भी किल्लत रहती है, लेकिन इस सबके बावजूद धुन के पक्के ख्यालीराम ने पहाड़ की तलहटी में करीब एक एकड़ रकबे पर बाग और सब्जी लगाने का निर्णय लिया। उन्होंने बगीचे की सिंचाई के लिए कृषि बोरवेल से पाइपलाइन दबाने का प्रयास किया, लेकिन ऊंचाई ज्यादा होने के कारण पानी नहीं चढ़ पाया। इसके बाद पहाड़ पर एक टंकी का निर्माण करवाया। इसमें टैंकरों से पानी भरवाया। ख्यालीराम ने टंकी से पाइप जोड़कर बागवानी में ड्रिप फव्वारा सिस्टम लगाया। इस तकनीक से सिंचाई भी अच्छी होती है और पानी का खर्च भी ज्यादा नहीं होता। कृषि विभाग की सलाह अनुसार बागवानी में आर्गेनिक खाद का इस्तेमाल किया। इस खाद से पौधों की ग्रोथ और फुटाव तेजी से होता है व फल भी अच्छे आते हैं। दो साल से उनकी इस बागवानी में उत्पादन शुरू हो गया है।

क्या कहता है कृषि विभाग

कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि रासायनिक खाद के इस्तेमाल से फसल को बार-बार सिंचाई की जरूरत होती है। जबकि आॅर्गेनिक खाद में सभी खनिज प्रचूर मात्रा में होते हैं। इसकी मदद से पौधों को ग्रोथ में मदद मिलती है और जड़ों तक नमी बनी रहती है। देसी खाद से तैयार अनाज या सब्जी पौष्टिक होने के साथ स्वादिष्ट भी होती है। देसी खाद को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने विशेष मुहिम चलाई है।

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