मनीमाजरा (चंडीगढ़), 13 जनवरी (हप्र)।चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। प्रदर्शनकारी कर्मचारी 24 जनवरी को पहले चरण में प्रशासक को एक लाख उपभोक्ताओं के हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन सौंपेंगे। सोमवार को बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सभी कार्यालयों में भोजनावकाश के दौरान रैलियां निकाली। यूनियन के प्रधान अमरीक सिंह, महासचिव गोपाल दत्त जोशी और अन्य नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासन मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग को कोड़ियों के भाव निजी कंपनियों के हाथों सौंपने की साजिश रच रहा है।वक्ताओं ने प्रशासन पर नियमों और बिडिंग प्रक्रिया का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा बार-बार शर्तें बदली जा रही हैं, लेकिन प्रशासन इसे नजरअंदाज कर कंपनी के पक्ष में काम कर रहा है। कर्मचारियों की सेवा शर्तों की अनदेखी करते हुए उन्हें जबरदस्ती निजी कंपनी के हवाले किया जा रहा है, जो उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। यूनियन ने पूछा कि क्या निजी कंपनी आरक्षण नीति का पालन करेगी? क्या वेतन विसंगतियों और सेवा शर्तों के मुद्दे पर कर्मचारी कानूनी सहायता ले सकेंगे? वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि कर्मचारियों का सरकारी स्टेटस उनकी सहमति के बिना नहीं बदला जा सकता। यूनियन नेताओं ने प्रशासन से स्पष्ट ट्रांसफर नीति बनाने और कर्मचारियों को अन्य विभागों में समायोजित करने की अपील की। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि एसएलडीसी और एसटीयू जैसे संस्थानों पर कर्मचारियों को समायोजित करने में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है।