घने कोहरे, कड़ाके की ठंड से जनजीवन प्रभावित
जगाधरी, 26 दिसंबर (निस)
मंगलवार का दिन इस मौसम में अब तक का सबसे सर्द रहा। घने कोहरे से जनजीवन प्रभावित रहा। जगाधरी इलाके में अधिकतम 20 तो न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जहां कड़ाके की ठंड से लोग परेशान रहे, वहीं, कृषि विशेषज्ञ इस मौसम को गेहूं की फसल के लिए मुफीद बता रहे हैं। बीती देर रात को ही कोहरा छाना शुरू हो गया था। आधी रात के बाद कोहरे की घनी चादर बन गई थी। घने कोहरे से जगाधरी के पांवटा नेशनल हाईवे, जगाधरी-अंबाला, पुराना सहारनपुर मार्ग, बीकेडी रोड आदि पर विजिबिलिटी बेहद कम होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह 10 बजे तक वाहन हेडलाइट जलाकर चल रहे थे। मौसम खराब होने पर लक्कड़ मंडी, सब्जी मंडी व घास मंडी में माल की आवक देरी से हुई। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र से शहर में दूध की आपूर्ति भी विलंब से हुई। लोग अलाव जलाकर तापते रहे।
पानीपत में लगातार दूसरे दिन भी घना कोहरा
पानीपत (निस) : आसमान में घने कोहरे ने लगातार दूसरे दिन मंगलवार को फिर से दस्तक दी। सुबह के समय कोहरे के चलते विजिबिलिटी 50 मीटर तक रही। कोहरे का वाहनों की स्पीड पर भी असर पड़ा और पानीपत की सडकों पर वाहन धीरे-धीरे चलते नजर आए। कोहरे ने ट्रेनों के समय के शैडयूल को भी बिगाड़ दिया है। पानीपत रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को कई एक्सप्रेस गाड़ियां अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से पहुंची, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पडा। मुख्य ट्रेनों में सचखंड एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 3 घंटे की देरी से पहुंची, वहीं जन शताब्दी दौलतपुर से दिल्ली लगभग डेढ़ घंटे, स्वराज एक्सप्रैस 3 घंटे, झेलम एक्सप्रेस ढाई घंटे, फाजिल्का एक्सप्रैस 1 घंटा 25 मिनट की देरी से पहुंची। लोकल रूटों पर चल रही पैंसेजर भी धुंध के कारण ठीक समय पर नहीं चल पा रही हैं। कोहरे के चलते तापमान में भी गिरावट आई है। हालांकि मौसम विभाग के विशेषज्ञ डा. आशीष का कहना है कि आने वाले दिनों में धुंध का प्रकोप जारी रह सकता है।
यह बोले कृषि विशेषज्ञ
जहां कड़ाके की ठंड से लोग बेहाल रहे। वहीं, कृषि विशेषज्ञ इस मौसम को गेहूं की फसल के लिए अच्छा मान रहे हैं। कृषि विभाग के पौध संरक्षण अधिकारी डा. सतीश कुमार का कहना है कि ठंड से गेहूं की फसल में ज्यादा फुटाव होगा। इससे पैदावार बढ़िया होगी। उनका कहना है कि दो दिन बाद मौसम विभाग ने बरसात होने की संभावना जता रखी है। इसलिए किसान गेहूं की फसल में अभी सिंचाई न करें।