ट्रिब्यून न्यूज सर्विसचंडीगढ़, 17 मईपंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में ग्रुप-सी व ग्रुप-डी यानी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी पदों के नियमों में संशोधन के मामले में हो रही देरी पर सरकार को फटकार लगाई। एक अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि अगली सुनवाई तक नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया गया तो राज्य के मुख्य सचिव और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना होगा।केस की अगली सुनवाई अब 29 मई को होगी। सीईटी भर्ती प्रक्रिया में सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए गए बोनस अंकों को रद्द करते हुए कोर्ट ने सरकार को ग्रुप सी और ग्रुप डी की भर्ती प्रक्रिया से जुड़े नियम तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के एक साल बाद भी सरकार भर्ती नियम तय नहीं कर पाई है। यह मामला हाई कोर्ट द्वारा पिछले साल दिए गए उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें सरकार को छह महीने की अवधि में भर्ती नियम बनाने के निर्देश दिए गए थे।सरकार की ओर से हर बार यह कहा गया कि नियम तैयार किए जा रहे हैं। इससे पहले 21 जनवरी 2025 को हुई सुनवाई में सरकार ने चार सप्ताह के भीतर आदेश की पालना करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन वह भी पूरा नहीं हुआ। इसी तरह फरवरी और मार्च में भी सरकार ने समय मांगा, पर ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। तय समय सीमा बीत जाने के बाद जब सरकार ने आदेश की पालना नहीं की, तो अदालत में अवमानना याचिका दाखिल की गई। याचिका में मुख्य सचिव और आयोग चेयरमैन को प्रतिवादी बनाया गया है। जस्टिस हरकेश मनुजा ने अपने आदेश में साफ किया कि अगर 29 मई 2025 तक नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया गया, तो दोनों अधिकारियों को पेश होना होगा।