गन्ने के अभाव में सोनीपत चीनी मिल में दिनभर बंद रही पेराई
सोनीपत, 2 दिसंबर (हप्र)
पेराई सत्र के एक सप्ताह बाद भी सोनीपत चीनी मिल में पेराई प्रक्रिया रफ्तार पकड़ती नजर नहीं आ रही है। पहले जहां कुछ तकनीकी समस्या आ रही थी, वहीं अब सोमवार को ‘नो केन’ की समस्या पैदा हो गई। जिसकी वजह से सोमवार को दिनभर पेराई का काम बंद रहा। आलम यह था कि सोमवार सुबह 500 क्विंटल गन्ने की पेराई करने के बाद मिल के यार्ड में गन्ना समाप्त हो गया, जिसके कारण मजबूरी में ‘नो केन’ घोषित करना पड़ा। बता दें कि चीनी मिल में पेराई सत्र 25 नवंबर को शुरू किया गया थी। परन्तु गन्ने के अभाव के कारण पेराई का काम 26 नवंबर को ही शुरू हो पाया था। शुरुआती कुछ दिनों में पेराई प्रक्रिया धीमी चली थी, वहीं अब जब पेराई प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास किया गया तो ‘नो केन’ की समस्या पैदा हो गई।
बताया गया है कि किसान अभी पर्याप्त गन्ना लेकर मिल में नही पहुंच पा रहे हैं। मिल में ‘नो केन’ की स्थिति पैदा होने से रोकने के लिए मिल प्रशासन ने एक लाख क्विंटल से अधिक गन्ने की पर्चियां किसानों को जारी की है लेकिन किसानों के सामने लेबर समस्या है। मजदूर न मिलने के कारण गन्ने की कटाई और छिलाई नहीं हो पा रही है। परिणामरूवरूप किसान अभी कम मात्रा में गन्ना लेकर मिल में पहुंच रहे हैं। सोमवार दोपहर तक 14 हजार क्विंटल गन्ने के टोकन ही किसानों ने बुक किए है। जबकि इसमें से 1600 क्विंटल गन्ना मिल यार्ड में किसान लेकर पहुंचे हैं। मिल की पेराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। चीनी मिल में पिछले 24 घंटे में 13 हजार 922 क्विंटल से अधिक गन्ने की पिराई की है। पेराई सत्र शुरू होने के बाद सोमवार तक 81 हजार 810 क्विंटल गन्ने की पिराई की गई है। मिल प्रशासन ने सोमवार शाम 6 बजे के बाद मिल को चलाने का फैसला किया है, तब तक किसानों से अपील की है कि अधिक से अधिक मात्रा में गन्ना लेकर मिल में पहुंचे।
सोनीपत चीनी मिल के एमडी अभय सिंह ने कहा कि चीनी मिल में पेराई प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास किया गया है। परंतु किसानों के सामने लेबर समस्या पैदा हो गई है। जिसकी वजह से सोमवार को पर्याप्त गन्ना न पहुंचने के कारण ‘नो केन’ करना पड़ा। जल्द ही पेराई का काम शुरू कर दिया जाएगा। एक लाख क्विंटल से अधिक गन्ने की पर्चियां किसानों को जारी कर दी गई है।