नयी दिल्ली, 16 जनवरी (एजेंसी)इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो 26 जनवरी को 76वें गणतंत्र दिवस समारोहों में मुख्य अतिथि होंगे। सुबियांतो राष्ट्रपति के तौर पर 25 से 26 जनवरी तक भारत की अपनी पहली यात्रा पर होंगे। बृहस्पतिवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक व्यापक रणनीतिक साझेदार के रूप में इंडोनेशिया, भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति' और हिंद-प्रशांत के उसकी दृष्टि का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भारत हर साल अपने गणतंत्र दिवस समारोह में शरीक होने के लिए विश्व नेताओं को आमंत्रित करता है। पिछले साल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस समारोहों में मुख्य अतिथि थे, जबकि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी 2023 के समारोहों में शामिल हुए थे। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 2021 और 2022 में गणतंत्र दिवस समारोहों में कोई मुख्य अतिथि नहीं थे। वर्ष 2020 में, ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो गणतंत्र दिवस समारोहों में मुख्य अतिथि थे। 2019 में, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि थे, वहीं 2018 में सभी 10 आसियान देशों के नेताओं ने समारोह में भाग लिया। वर्ष 2017 में, आबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान समारोह में मुख्य अतिथि थे, वहीं 2016 में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद समारोह में शरीक हुए थे। वर्ष 2015 में, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि थे। 2014 में, जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे समारोह में मुख्य अतिथि थे। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक 2013 में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे। गणतंत्र दिवस समारोहों में भाग ले चुके राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों में फ्रांस के निकोलस सरकोजी (2008) और जैक्स शिराक (1998) तथा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हैं। नेल्सन मंडेला 1995 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में समारोह में शामिल हुए थे। गणतंत्र दिवस समारोहों में शामिल हुए अन्य विश्व नेताओं में 1999 में नेपाल के राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव, 2003 में ईरान के तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी, 2011 में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग युधोयोनो और 1991 में मालदीव के राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम हैं।‘फ्लाईपास्ट' परेड में इस बार एएलएच-ध्रुव और तेजस नहीं दिखेंगेदेश में डिजाइन और विकसित अत्याधुनिक हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव इस साल गणतंत्र दिवस फ्लाईपास्ट का हिस्सा नहीं होगा, क्योंकि इस महीने एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद इसके उड़ान भरने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। सेना, भारतीय वायु सेना, नौसेना और तटरक्षक बल लगभग 330 एएलएच का संचालन कर रहे हैं। गुजरात के पोरबंदर में पांच जनवरी को तटरक्षक बल का एक एएलएच दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसके बाद सशस्त्र बलों ने दोहरे इंजन वाले इस श्रेणी के हेलीकॉप्टर के उड़ान पर रोक लगा दी। दुर्घटना में दो तटरक्षक पायलट और एक विमान चालक दल के गोताखोर की मौत हो गई थी। ये हेलीकॉप्टर लगभग डेढ़ दशक से गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा रहे हैं।