मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

खुदरा मुद्रास्फीति मामूली घटकर 3.34% के छह साल के निचले स्तर पर

05:00 AM Apr 16, 2025 IST
featuredImage featuredImage

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (एजेंसी)

Advertisement

सब्जियों तथा प्रोटीन वाले उत्पादों की कीमतों में गिरावट से खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में मामूली रूप से घटकर करीब छह साल के निचले स्तर 3.34 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पहले अगस्त, 2019 में यह 3.28 प्रतिशत के स्तर पर रही थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 3.61 प्रतिशत पर और पिछले साल मार्च में 4.85 प्रतिशत पर रही थी। खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में 2.69 प्रतिशत रही, जबकि फरवरी में यह 3.75 प्रतिशत और मार्च, 2024 में 8.52 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। आरबीआई ने पिछले सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। इसमें पहली तिमाही में इसके 3.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही 3.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि जोखिम दोनों ओर समान रूप से संतुलित हैं। ऐसे में आरबीआई द्वारा तीसरी बार रेपो दर में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है, क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के औसत लक्ष्य से नीचे बनी हुई है। इस बीच, खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में मासिक आधार पर घटकर छह महीने के निचले स्तर 2.05 प्रतिशत पर आ गई। इससे पहले पिछले साल सितंबर में थोक मुद्रास्फीति 1.91 प्रतिशत पर रही थी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 2.38 प्रतिशत थी। हालांकि, वार्षिक आधार पर मार्च में इसमें वृद्धि हुई है। मार्च, 2024 में यह 0.26 प्रतिशत पर रही थी। उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, मार्च, 2025 में थोक मुद्रास्फीति सालाना आधार पर खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्मित वस्तुओं, बिजली व कपड़े आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ी है। थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी के 3.38 प्रतिशत से घटकर मार्च में 1.57 प्रतिशत रह गई। सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट इसकी मुख्य वजह रही। आलू की मुद्रास्फीति जो फरवरी, 2024 से दोहरे अंक में बढ़ रही थी मार्च, 2025 में इसमें गिरावट आई। मार्च, 2025 में आलू में यह 6.77 प्रतिशत थी। प्याज की मुद्रास्फीति फरवरी के 48.05 प्रतिशत के मुकाबले मार्च में घटकर 26.65 प्रतिशत रह गई। हालांकि, विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 3.07 प्रतिशत हो गई, जबकि फरवरी में यह 2.86 प्रतिशत थी। ईंधन तथा बिजली में भी वृद्धि देखी गई और मार्च में यह 0.20 प्रतिशत रही।

Advertisement
Advertisement