खाप महापंचायत का अल्टीमेटम : डल्लेवाल से बात करे केंद्र सरकार, वर्ना ...
सज्जन सैनी/ निस
नारनौंद, 29 दिसंबर
हरियाणा की खापों ने कहा कि यदि सभी किसान संगठन मिलकर आंदोलन को मजबूत करते हैं तो प्रदेशभर की सभी खापें उनके साथ होंगी। अलग-अलग आंदोलन में खाप साथ नहीं देगी। किसान संगठनों को एकजुट करने के उद्देश्य से रविवार को हिसार के गांव बास की अनाज मंडी में महापंचायत हुई। प्रदेश की करीब 65 खापों ने इसमें भाग लिया। सभी खापों ने कहा कि अगर सभी किसान संगठन एकजुट होकर हमारी 11 सदस्यीय खाप कमेटी को बुलाते हैं तो हम बैठक के लिए जाएंगे। इसके साथ ही कहा गया कि आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर केंद्र सरकार ने बात नहीं की, तो 9 जनवरी को देशभर की खापों की महापंचायत उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में की जाएगी।
महापंचायत की अध्यक्षता सतरोल खाप के प्रधान दलबीर खर्व ने की और दहिया खाप के प्रधान जयपाल दहिया ने फैसला पढ़कर सुनाया। कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि हम किसान संगठनों का मनमुटाव दूर करने के लिए शम्भू व खनोरी बॉर्डर पर जाकर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि सभी किसान संगठन मिलकर आंदोलन को मजबूत करते हैं तो प्रदेशभर की सभी खापें उनके साथ होंगी।
दहिया खाप के प्रधान जयपाल ने कहा कि 19 फरवरी को टीटोली में 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था, जिसका मुख्य कार्य सभी किसान संगठनों को एकजुट करना है, ताकि वह अपनी लड़ाई मजबूती से लड़ सकें। भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) के अध्यक्ष अमरजीत मोहड़ी ने कहा कि कई किसान नेताओं के चुनाव लड़ने के कारण संयुक्त किसान मोर्चे में फूट पड़ी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि खापें जो भी फैसला करेंगी, वह उसके साथ हैं।
तीनों कृषि कानूनों का रूप बदलकर ला रही सरकार : पंधेर
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि दिल्ली में चला किसान आंदोलन स्थगित किया गया था, समाप्त नहीं। कुछ किसान नेताओं ने चुनाव लड़ना जरूरी समझा, जिसके कारण किसान यूनियनें कमजोर हुईं। पंधेर ने कहा कि अब सरकार तीनों कृषि कानूनों का रूप बदलकर दोबारा नये कानून ला रही है और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग शुरू करने जा रही है। उन्होंने दावा किया कि सरकार के इन कदमों के कारण छोटी मंडियां खत्म हो जाएंगी। किसान नेता विकास सिसर ने कहा कि हमने खेड़ी में बड़ा आंदोलन खड़ा किया था, उस तरह का आंदोलन हरियाणा में खड़ा करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि किसान संगठनों को एक करने के लिए खापों को कड़ा फैसला लेना पड़ेगा।
बजरंग ने भी कहा - जीतना है तो एकजुट हों
पहलवान बजरंग पूनिया ने किसान संगठनों को एकजुट करने के प्रयास के लिए खापों का आभार जताया। उन्होंने कहा, ‘सरकार का काम फूट डालने और आंदोलन तोड़ने का होता है। जिन किसान संगठनों में मनमुटाव चल रहा है, वह बैठकर बातचीत करें। अगर हमें आंदोलन जीतना है तो एकजुट होना पड़ेगा, नहीं तो सरकार हमें रोड पर घसीटती रहेगी।’