खर मास शुरू, एक माह नहीं होंगे शुभ कार्य
जगाधरी, 16 दिसंबर (हप्र)
ज्योतिष के अनुसार 15 दिसंबर से खर मास प्रारंभ हो गया है। इस मास में केवल तीर्थ स्नान का विशेष महत्व है और धार्मिक कार्य वर्जित है। खरमास का समापन 14 जनवरी, मंगलवार को मकर संक्रांति के दिन होगा। प्राचीन श्री सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के आचार्य तिरलोक शास्त्री ने बताया कि खर मास हिंदू पंचांग के अनुसार एक विशेष अवधि है जो सूर्य के धनु और मीन राशि में प्रवेश के दौरान आती है। इस समय सूर्य कमजोर स्थिति में होते हैं, जिससे शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। यह समय लगभग 30 दिनों का होता है और मुख्य रूप से धार्मिक साधना, पूजा, ध्यान और आत्मविश्लेषण के लिए उपयुक्त माना जाता है। उन्होंने बताया कि यह मास वैदिक परंपराओं के अनुसार आत्मिक उन्नति, तप और आध्यात्मिक साधना के लिए श्रेष्ठ माना गया है। सनातन पद्धति के अनुसार इस दौरान विवाह, गृहप्रवेश, और अन्य मांगलिक कार्य निषिद्ध माने जाते हैं। जमीन जायदाद की खरीद भी शुभ नहीं मानी जाती। उनका कहना है कि खर मास के दौरान मुंडन, नए वाहन की खरीद आदि नहीं करना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है । इस समय सूर्य की स्थिति कमजोर होती है और इसके प्रभाव से ऐसे कार्यों में विघ्न आ सकता है। तिरलोक शास्त्री ने बताया कि 2025 में शुभ काज जनवरी में 16 जनवरी 17 जनवरी 18 जनवरी 21 जनवरी 22 जनवरी और फरवरी में 7 ,13 ,14 ,18 ,20 21 25 और मार्च में 5 व 6 मार्च, और अप्रैल में 14 ,16, 18 ,19 ,20 ,25, 29 और मई मे 5 ,6 ,7 ,8 ,17 ,28 जून में 1 ,2 ,4 ,7, 8 नवंबर में 22 ,23 ,25 ,30 दिसंबर में 4, 11, 12 को शुभ मुहूर्त हैं। उनका कहना है कि खर मास में दान का अपार पुण्य मिलता है। मकर संक्रांति पर शुभ कार्य शुरू होंगे।