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खरखौदा में बगैर लाइसेंस एंटीबायोटिक दवाएं बनाने की फैक्ट्री पकड़ी

04:04 AM Mar 25, 2025 IST

खरखौदा (सोनीपत), 24 मार्च (हप्र)

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फिरोजपुर बांगर क्षेत्र में बिना लाइसेंस संचालित एक दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। औषधि नियंत्रक विभाग (एफडीए) की टीम ने वरिष्ठ ड्रग कंट्रोल अधिकारी राकेश दहिया की अगुवाई में छापा मारकर इस अवैध फैक्ट्री को पकड़ा। फैक्ट्री में एंटीबायोटिक दवाओं का उत्पादन किया जा रहा था, जिसके लिए किसी भी प्रकार की वैध अनुमति नहीं थी।

एफडीए टीम को कई दिनों से इस अवैध फैक्ट्री के संचालन की सूचना मिल रही थी। इसी के आधार पर सोमवार को औषधि नियंत्रक विभाग की तरफ से वरिष्ठ ड्रग कंट्रोल अधिकारी राकेश दहिया की अगुवाई में ड्रग इंस्पेक्टर संदीप हुड्डा, मुंशी राम और पानीपत से ड्रग इंस्पेक्टर पवन की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। टीम ने फैक्ट्री पर छापा मारते हुए वहां चल रहे अवैध दवा निर्माण को पकड़ा।

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राजस्थान का रहने वाला है मालिक

फैक्ट्री का मालिक मनोज राजस्थान का रहने वाला है। जोकि मौके पर नहीं था, जबकि टीम ने मौके पर सिरसा के रहने वाले योगेश को पकडा है, जोकि फैक्टरी की देखरेख करता है। जांच में सामने आया कि यहां हिमाचल प्रदेश की तीन कंपनियों की दवाएं बनाई जा रही थीं। टीम ने दवा की गुणवत्ता जांच के लिए छह सैंपल लिए हैं।

मशीनें और दवाएं सील

कार्रवाई के दौरान टीम ने फैक्ट्री में मौजूद मशीनों, कच्चे माल और तैयार दवाओं को सील कर दिया। जब्त की गई दवाओं में पेंटाप्राजोल, सिफैक्जीम-200 (माइकोसेफ-एलबी 200), एजिथ्रोमाइसीन-200 (रिक-200) और एमोक्सी प्लस क्लेवम एट शामिल हैं। इन दवाओं व उनके बाक्स पर महाराष्ट्र के मुम्बई थाने में संचालित मैक्स सेल लाइफ केयर, हिमाचल के जिला सोलन, तहसील नालागढ़ स्थित पैराडाक्स फार्मासुटिकल कंपनी के निर्माण व मार्किटिंग भी अंकित है। जोकि सीधे तौर पर संबंधित कंपनियों के भी राजस्व का नुकसान है।

देर रात तक चली जांच

एफडीए की टीम ने दोपहर एक बजे से लेकर देर रात तक फैक्ट्री की जांच की। फैक्ट्री से जब्त की गई दवाओं की गुणवत्ता को लेकर विस्तृत जांच की जाएगी। जिनके सैंपल टीम की तरफ से सील किए गए हैं, ताकि जांच करवाकर यह पता लगाया जा सके कि उक्त तैयार की जा रही दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर कहां ठहरती हैं। अधिकारियों के अनुसार, अगर दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरती हैं, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-लोगों के स्वास्थ्य से सीध खिलवाड़

खरखौदा क्षेत्र में इस प्रकार से बगैर किसी लाइसेंस के दवाएं तैयार करने का मामला सामने आना एक गंभीर मामला है। इस प्रकार से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जाना गंभीर सवाल उठाता है। बीमारी के समय जिन दवाओं को प्रयोग कर लोग स्वस्थ होने की सोचते हैं, उन्हें इस प्रकार से बगैर लाइसेंस के ही तैयार करना उनकी गुणवत्ता पर सीधे तौर पर सवालिया निशान लगाता है।

वर्जन

बिना लाइसेंस दवा निर्माण एक गंभीर अपराध है, जो न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि लोगों की सेहत के लिए भी खतरा है। विभाग इस तरह के मामलों पर सख्त नजर बनाए हुए है और आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी। अभी फैक्ट्री की जांच जारी है।

राकेश दहिया, वरिष्ठ ड्रग कंट्रोल अधिकारी, सोनीपत

 

 

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