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कैथल बरसात व अंधड़ ने बढ़ाई किसानों की मुसीबतें

05:50 AM Apr 12, 2025 IST
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कैथल मंडी में शुक्रवार को बरसात से बचने के लिए गेहूं की बोरियों पर ढकी तिरपाल। -हप्र

कैथल, 11 अप्रैल (हप्र)
जिले में शुक्रवार को आई अचानक आई बरसात और तेज अंधड़ ने किसानों की परेशानियों को और बढ़ा दिया। खेतों से लाई गई गेहूं की फसल मंडियों में खुले में पड़ी थी, जो भीग गई। इससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन की ओर से पहले से कोई व्यवस्था न होने के कारण अनाज को बचाने के उपाय नहीं किए जा सके। तेज हवाओं के कारण कई स्थानों पर पेड़ धराशायी हो गए जिससे कई मार्ग अवरुद्ध हो गए और लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बिजली की आपूर्ति भी बाधित रही। ग्रामीण क्षेत्रों में तो कई घंटों तक बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो सकी। दोपहर के समय ही अंधेरा छा गया जिससे वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। राहगीरों को तेज हवाओं व धूल भरी बारिश का सामना करना पड़ा।
किसानों ने मांग की है कि प्रशासन मंडियों में तिरपाल व फसल को ढकने की व्यवस्था सुनिश्चित करे ताकि आगे और नुकसान से बचा जा सके। प्राकृतिक आपदा के इस ताजे प्रहार ने किसानों की पहले से बिगड़ी आर्थिक हालत को और गंभीर कर दिया है।

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किसान बोले-मंडी में न लेबर का इंतजाम, न तिरपाल का

उकलाना मंडी (निस) : प्रदेश के कई इलाकों में हुई बारिश के कारण अनाज मंडी में आया लाखों का गेहूं भीग गया। मंडियों में व खरीद केंद्रों में तिरपाल का बहुत ज्यादा प्रबंध न होने के चलते खुले आसमान के नीचे रखा गेहूं वर्षा की भेंट चढ़ गया। प्रदेश की अन्य अनाज मंडियों की तरह उकलाना मंडी में भी गेहूं की आवक जोरों पर है। गेहूं की आवक तेज होने से गेहूं खुले आसमान के नीचे रखा गया था। गेहूं उठान का भी ज्यादा प्रबंध नहीं था। किसानों का आरोप है कि मंडी में न लेबर का इंतजाम है न तिरपाल का जिसके चलते उनका गेहूं भीग गया। वही धरतीपुत्रों का पीला सोना भीगने से उनकी फसल को काफी नुक्सान पंहुचा है। वही शुक्रवार को तेज बारिश व अंधड़ के कारण भी गेहूँ के ढकने के लिए लगाए कई तिरपाल उड़ गए जिस कारण गेहूं की फसल भीग गई।

बारिश की भेंट चढ़ा 22,000 क्विंटल गेहूं

ऐलनाबाद (निस) : राजस्थान की सीमा से सटे ऐलनाबाद क्षेत्र में बेमौसमी आंधी, बारिश व ओलावृष्टि से जहां एक और खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है वही कागदाना, नाथूसरी चौपटा, कुत्तियाना व शक्कर मंदोरी की मंडियों व खरीद केंद्रों पर हजारों क्विंटल खुले आसमान के नीचे पड़ा गेहूं बारिश में भीग गया। नाथूसरी चोपटा अनाज मंडी में अब तक 22,000 क्विंटल गेहूं की आवक हुई है और उठान अभी शुरू नहीं हुआ है। खुले आसमान के नीचे पड़ा गेहूं पूरी तरह से भीग गया है। आरोप है कि आढ़तियाें द्वारा न तो तिरपाल की व्यवस्था की गई और न ही वुडन कैरेट की।

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पानीपत : अनाज मंडी में भीगे एक लाख कट्टे

पानीपत (हप्र) : पानीपत में शुक्रवार को आई बारिश से पानीपत मंडी में पडे करीब एक लाख गेहूं के कट्टे और जिन किसानों के गेहूं की खरीद नहीं हुई थी, उनकी गेहूं की ढेरियां भीग गई। हालांकि किसानों ने अपनी गेहूं की ढेरियों पर तरपाल आदि ढक कर उनको बारिश से बचाने के लिये पूरे प्रयास किये लेकिन तेज आंधी के चलते कई ढेरियों से तो तरपाल भी उड गये। बता दें कि बृहस्पतिवार को शाम को भी बूंदाबांदी हुई थी और उससे मंडी में गेहूं के कट्टे भीग गये थे पर शुक्रवार को दिनभर मौसम साफ रहने से कोई ज्यादा नुकसान वाली बात नहीं थी। लेकिन शुक्रवार देर शाम को आई बारिश से पानीपत सहित अन्य मंडियों पर खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदे गये गेहूं के कट्टे और किसानों की गेहूं भीग गई।

आग से 2 एकड़ में खड़े फाने, आधा एकड़ गेहूं की फसल राख

कलायत (निस) : शुक्रवार बाद दोपहर रामगढ़ रोड के नजदीक लगते खेतों में अचानक आग लगने से किसानों के 2 एकड़ में खड़े फाने व आधा एकड़ गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। मौके पर मौजूद किसानों ने पेड़ों की टहनियों के साथ आग बुझाने की भरसक कोशिश की लेकिन तेज हवाओं के चलते आग फैलती चली गई। किसानों ने फायर ब्रिगेड को सूचित किया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी व मौके पर मौजूद किसानों द्वारा करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने से किसान जरनैल सिंह व सेवा सिंह के 2 एकड़ में खड़े फाने और किसान सुरेश बैरागी की करीब आधा एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल नष्ट हो गई। मौके पर मौजूद एएसआई जोगिंदर सिंह ने बताया कि आग लगने के कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। कुछ किसानों द्वारा आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।

आढ़तियों ने जताया रोष

कालांवाली (निस) : सरसों की खरीद अतिरिक्त अनाज मंडी में शुरू करवाने की मांग को लेकर आढ़ती मार्केट कमेटी कार्यालय में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अनाज मंडी के गेट को ताला लगाकर मार्केट कमेटी कार्यालय में धरना लगाया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष व्यक्त किया।

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