केसगढ़ साहिब के नये जत्थेदार ने संभाला कार्यभार
चंडीगढ़, 10 मार्च (एजेंसी)
ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने सोमवार को तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार और अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार के तौर पर कार्यभार संभाल लिया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दो जत्थेदारों को हटाए जाने को लेकर जारी विवाद के बीच उनकी नियुक्ति हुई है। विभिन्न निहंग समूहों ने विरोध करते हुए कहा कि खालसा पंथ उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगा। वहीं, ज्ञानी कुलदीप सिंह ने पूरे सिख समुदाय से वर्तमान स्थिति के मद्देनजर एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि ‘गुरमत’ के अनुसार जारी अकाल तख्त के 2 दिसंबर के फरमान
अपरिवर्तनीय हैं।
तख्त श्री केसगढ़ साहिब के नये जत्थेदार की दस्तारबंदी का समारोह निर्धारित समय सुबह 10 बजे के बजाय सोमवार तड़के आयोजित किया गया। विभिन्न निहंग संगठनों ने चेतावनी दी थी कि यह कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा। जत्थेदार का पदभार संभालने से पहले ज्ञानी कुलदीप सिंह ने तख्त श्री केसगढ़ साहिब में मत्था टेका। बाद में वह अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार का कार्यभार संभालने अमृतसर पहुंचे।
बुड्ढा दल ने जताया विरोध
जत्थेदार की नियुक्ति का विरोध कर रहे निहंग समूह ‘बाबा बुड्ढा दल 96 करोड़ी’ के प्रमुख बाबा बलबीर सिंह ने कहा कि इस अवसर पर एसजीपीसी अध्यक्ष, एसजीपीसी के मुख्य सचिव, स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी और अन्य कोई भी ‘संत महापुरख’ मौजूद नहीं थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम मर्यादा के उल्लंघन का कड़ा विरोध करते हैं। सभी निहंग संगठन और खालसा पंथ उन्हें स्वीकार नहीं करेगा।’ दमदमी टकसाल के प्रवक्ता ने भी कहा कि खालसा पंथ नये जत्थेदार को स्वीकार नहीं करेगा। इस बीच, एसजीपीसी अधिकारियों ने कहा कि समारोह गुरु ग्रंथ साहिब की उपस्थिति में ‘रहत मर्यादा’ (सिख आचार संहिता) के अनुसार आयोजित किया गया।