केयू ने एनईपी-2020 को सभी प्रावधानों के साथ लागू किया : कुलपति सचदेवा
कुरुक्षेत्र, 19 मार्च (हप्र)
हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सहयोग से सीनेट हॉल में उच्च शिक्षा संस्थानों में कौशल आधारित पाठ्यक्रमों और माइक्रो-क्रेडेंशियल्स पर एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यशाला में हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. कैलाश चन्द्र शर्मा ने कहा कि एनईपी-2020 बहुविषयक शिक्षा को बढ़ावा देता है, जिसमें प्रवेश और निकास के कई विकल्प दिए जाते हैं, जिससे शिक्षार्थियों को अपनी शैक्षणिक यात्रा में अधिक लचीलापन मिलता है। इसे अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) के माध्यम से सुगम बनाया जाता है, जो शैक्षणिक उपलब्धियों के निर्बाध हस्तांतरण और मान्यता को सक्षम बनाता है, व्यक्तिगत और लचीले शिक्षण मार्गों को बढ़ावा देता है। यह नीति उद्योगों के साथ सहयोग पर भी जोर देती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र रोजगार बाजार की बदलती मांगों के अनुरूप रोजगार योग्य कौशल विकसित करें।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को नैक द्वारा उच्चतम ग्रेड ए-प्लस-प्लस प्राप्त हुआ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को इसके सभी प्रावधानों के साथ विश्वविद्यालय तथा संबंधित कॉलेजों में देश में सर्वप्रथम लागू किया गया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में स्किल एनहांसमेंट कोर्स, वोकेशनल कोर्स, प्रोजेक्ट बेस्ड कोर्स, शार्ट टर्म कोर्स व अन्य रोजगारपरक कोर्स चलाए जा रहे हैं, जिनमें इंटर्नशिप का प्रावधान है। शोध, खेल, सांस्कृतिक व अन्य गतिविधियों में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
इस अवसर पर हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रो. एसके गक्खड़, प्रो. आरएस राठौर, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. सुनील ढींगरा, सहित विभिन्न विश्वविद्यालय के डीन, एनईपी के नोडल आफिसर मौजूद थे।
शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित न हो : महीपाल ढांडा
कार्यशाला के लिए हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने बधाई संदेश प्रेषित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि युवाओं को जीवन में वास्तविक चुनौतियों के लिए तैयार करने का माध्यम होनी चाहिए। ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक कौशल भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के बीच साझेदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि विद्यार्थियों को प्रशिक्षण और इंटर्नशिप के अवसर मिले।