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केएमपी पर वाहन चालकों को लग रही मोटी चपत !

05:00 AM Jul 09, 2025 IST
केएमपी पर वाहन चालकों को लग रही मोटी चपत
52डी की ओर से केएमपी पर यहीं आकर खत्म होता है दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे।
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 8 जुलाई
हरियाणा में नेशनल हाईवे का जाल बेशक बिछाया जा रहा है, लेकिन इनकी वजह से लोगों को मोटी चपत भी लग रही है। इन दिनों सबसे अधिक चपत कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे पर लग रही है। उन वाहन चालकों को अतिरिक्त पैसा देना पड़ता है, जो दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल करते हैं। केएमपी एक्सप्रेस-वे न तो नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट है और न ही इसे अभी तक स्टेट हाईवे घोषित किया गया है।
एचएसआईआईडीसी (हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं सरंचना विकास निगम) द्वारा इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया। टोल कलेक्शन भी उसके द्वारा की जा रही है। दरअसल, दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे की शुरुआत बहादुरगढ़ के जसौर खेड़ी गांव से होती है। यह एक्सप्रेस-वे केएमपी पर नीचे से शुरू होता है।
दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे का हरियाणा पार्ट पूरी तरह से रनिंग हो चुका है।
चंडीगढ़ से द्वारका (नयी दिल्ली), बहादुरगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, झज्जर, रेवाड़ी व रोहतक आदि शहरों के लिए लोगों ने इस एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इस्माइलाबाद से 152डी शुरू होता है। 152डी अपने स्टार्टिंग प्वाइंट से करीब 55 किलोमीटर के बाद दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट होता है। दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे पर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट बना गये हैं। दिल्ली की ओर जाते वक्त हसनगढ़ गांव के करीब टोल टैक्स प्लाज बना हुआ है। दिल्ली की ओर से आने पर यह पहला और पंजाब की ओर से आने पर आखिरी टोल प्लाजा है। 152डी से जो लोग गुरुग्राम, मानेसर, बादली, फर्रुखनगर, पटौदी, झज्जर, बहादुरगढ़, नयी दिल्ली, नजफगढ़, फरीदाबाद व पलवल जाने के लिए इस एक्सप्रेस-वे को पकड़ते हैं, उन्हें केएमपी पर उतरना होता है। इसके बाद वह केएमपी से अपना सफर शुरू करते हैं। केएमपी पर एंट्री अभी तक ओपन है। कोई टोल प्लाजा नहीं है। हालांकि टोल प्लाजा पर काम चल रहा है।

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एंट्री वालों की बल्ले-बल्ले :

ऐसा भी नहीं है कि केवल वाहन चालकों को ही चपत लग रही है। उन वाहन चालकों को फायदा भी हो रहा है जो गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मानेसर, पटौदी, नूंह या किसी भी शहर से केएमपी होते हुए दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे को पकड़ते हैं। केएमपी पर एग्जिट टोल प्लाजा नहीं होने की वजह से वह बिना टोल टैक्स का भुगतान किए दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे पकड़ लेते हैं। ऐसे में एचएसआईआईडीसी को भी रोजाना मोटी चपत लग रही है।
यहां भी नाजायज वसूली :

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अम्बाला से इस्माइलाबाद तक की फोर लेन सड़क पर भी वाहन चालकों के साथ ‘नाजायज’ वसूली हो रही है। इस सड़क पर काम चल रहा है। कई फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं, इस वजह से पूरा रास्ता ही बाधित रहता है। सड़क पर चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से सड़क हादसे भी हो रहे हैं, लेकिन टोल कंपनी द्वारा टोल की वसूली की जा रही है।

ऐसे कटती है जेब

वाहन चालक जब दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे से केएमपी पर चढ़ते हैं, तो उन्हें कुंडली यानी इस एक्सप्रेस-वे के स्टार्टिंग प्वाइंट से टोल टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। फास्ट टैग होने की वजह से सिस्टम ऑटोमेटिक तरीके से कुंडली से ही टोल काट लेता है, जबकि वाहन चालक दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे से उतरने के बाद खरखौदा और बहादुरगढ़ के बीच से केएमपी पर चढ़ते हैं। ऐसे में उनका टोल भी यहीं से लगना चाहिए। कुंडली से टोल कटने की वजह से वाहन चालकों को 75 रुपये से अधिक की चपत लगती है।
जानकार बचा भी रहे टोल : जिन वाहन चालकों को इस बात का पता है वे नाजायज टोल से बच भी जाते हैं। दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे से केएमपी पकड़ने के बाद वह जिस भी एग्जिट प्वाइंट से निकलते हैं, वहां फास्ट टैक पर मोबाइल फोन लगा लेते हैं। इसका फायदा यह होता है कि उनका टोल फास्ट टैग से नहीं कटता। इसके बाद वह टोल प्लाजा पर मौजूद कर्मचारियों को यह बताते हैं कि उन्होंने कहां से एंट्री की है। ऐसे में उनकी कैश की रसीद कटती है, जो काफी कम होती है।

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