For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

केंद्रीय जल आयोग की टीम ने किया हथिनीकुंड बैराज का किया

06:00 AM May 24, 2025 IST
केंद्रीय जल आयोग की टीम ने किया हथिनीकुंड बैराज का किया
यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज कंट्रोल रूम में जानकारी लेते सीडब्ल्यूसी टीम के अधिकारी।  -निस
Advertisement

छछरौली, 23 मई (निस) 

Advertisement

केंद्रीय जल आयोग की टीम ने शुक्रवार को हथिनीकुंड बैराज का दौरा कर डाउन स्ट्रीम में लगभग 150 करोड़ की लागत से बनाई जा रही डाया फ्रॉम बाल का निरीक्षण किया। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अधिकारियों की टीम जिसमें इंजीनियर इनचीफ, एसई, एसडीओ, जेई आदि शामिल रहे ने हथिनीकुंड बैराज के डाउनस्ट्रीम में बैराज की सुरक्षा के लिए बनाई जा रही डाया फ्रॉम वॉल का निरीक्षण किया। स्थानीय सिंचाई विभाग के अधिकारियों से यमुना नदी बैराज पर अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम में बन रहे वाटर लेवल पर चर्चा की। अधिकारियों के दल ने बैराज के कंट्रोल रूम पहुंच कर जल वितरण सिस्टम को जांचा। अधिकारियों के मुताबिक साइट पर अभी तक 50% भी कार्य पूरा नहीं हुआ है और फ्लड सीजन में एक महीने का समय शेष है। सीडब्लूसी अधिकारियों ने पांवटा साहिब स्थित कार्यालय की भी विजिट की गई। मौके पर यमुनानगर सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर रवि मित्तल, एक्सईएन विजय गर्ग मौजूद रहे।

बता दें कि बैराज की बाढ़ सुरक्षा को लेकर 142 करोड रुपए की लागत से डाउनस्ट्रीम में डाया फ्रॉम वॉल का निर्माण किया जा रहा है। जिसका कार्य गत जनवरी में शुरू किया गया था। पूरे कंस्ट्रक्शन वर्क की ड्राइंग सीडब्ल्यूसी द्वारा ही तैयार की गई है। सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों की टीम ने मौके पर जाकर कार्य का निरीक्षण किया और उसकी प्रगति रिपोर्ट ली। जानकारी के मुताबिक 90 के दशक में ताजेवाला हेड वर्कस के भीषण बाढ़ के दौरान वॉश आउट हो जाने के बाद हथिनीकुंड में 225 करोड़ से हथिनीकुंड बैराज का निर्माण किया गया था, लेकिन कुछ ही समय बाद यमुना नदी के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम वाटर लेवल में काफी फर्क आ गया। डाउनस्ट्रीम में बाढ़ के कारण हुआ भूमि कटाव के कारण पानी का लेवल नीचे खिसक गया। जिस कारण बैराज को खतरा हुआ। सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा केंद्रीय जल आयोग के मार्गदर्शन में बाढ़ सुरक्षा के लिए डाया फ्रॉम वॉल का निर्माण कार्य शुरू किया गया और जून महीने में पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन निर्माण कार्य धीमी गति से होने के कारण 30 जून तक कार्य पूरा होने की बहुत कम संभावनाएं दिख रही हैं।

Advertisement

Advertisement
Advertisement