कुत्तों के झुंड, बंदरों के हुड़दंग से जनता हलकान
ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 1 जनवरी
जिले में बंदरों और कुत्तों का आतंक दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। हर रोज अस्पताल में कुत्तों व बंदरों के काटने के कई केस पहुंच रहे हैं। इस कारण रैबीज होने का खतरा भी बढ़ा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वर्ष 2024 में 3100 केस आए हैं। नागरिक अस्पताल की ओपीडी में रोजाना सात से आठ नए मामले आ रहे हैं। लोगों ने आवारा कुत्तों, बंदरों व बेसहारा गोवंश पर रोक लगाने की मांग उठाई है। नगर परिषद की बैठक में भी पार्षदों ने आवारा कुत्तों, बंदर व गौवंश को पकड़ने के लिए अभियान चलाने की मांग की थी, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है। इससे न वल लोगों को अस्पताल पहुंचना पड़ रहा है बल्कि नगर परिषद के खिलाफ भी लोगों में गुस्सा है। नागरिक अस्पताल में आए राम नगर निवासी कुलदीप ने बताया कि उसके बेटे को एक कुत्ते ने काट लिया था। इसके बाद वे रैबीज का टीका लगवाने के लिए अस्पताल में आये हैं। कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बच्चों व बुजुर्गों को देखते हुए वे हमला कर देते हैं। वहीं गांव रोहेड़ियां निवासी महेंद्र ने बताया कि उसके बेटे को कुत्ते ने काट लिया। यहां टीका लगवाने के लिए अस्पताल में आया है। गांव में स्थित पीएचसी में भी यह सुविधा होनी चाहिए ताकि कोई दिक्कत न आए।
लोगों को किया जाता है जागरूक : सीएमओ
सिविल सर्जन डा. रेनू चावला ने बताया कि रैबीज से बचाव को लेकर लोगों को स्वास्थ्य विभाग को लगातार जागरूक किया जाता है। इस जागरूकता कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को जानकारी दी जा रही है। इसके साथ रैबीज से बचाव के लिए बनाए गए टीका करण केंद्र में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।