काव्य गोष्ठी : साहित्यकार का राजनीति में आना देश, समाज के लिए विशेष हितकर : डॉ. चंद्र त्रिखा
पंचकूला, 24 दिसंबर (हप्र)
पूर्व प्रधानमंत्री एवं कवि अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के उर्दू प्रकोष्ठ द्वारा अकादमी भवन सभागार में मंगलवार को काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस काव्य गोष्ठी का शुभारंभ अकादमी के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री और रेशमा कल्याण कवयित्री एवं रंगकर्मी द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस काव्य गोष्ठी में हरियाणा के विभिन्न साहित्यकारों और ट्राइसिटी के लेखकों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जतिन्दर परवाज़ ने किया।
प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, कार्यकारी उपाध्यक्ष हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी के साहित्यिक और राजनीतिक जीवन को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एक साहित्यकार का राजनीति में जाना देश और समाज दोनों के लिए विशेष हितकर होता है। उर्दू प्रकोष्ठ के निर्देशक व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. चंद्र त्रिखा ने कहा कि वाजपेयी एक प्रखर राजनेता के साथ-साथ संवेदनशील कवि भी थे। उन्होंने प्रसिद्ध गीतकार गोपाल दास नीरज के साथ वाजपेयी के मंच के संस्मरण भी साझा किया। रेशमा कल्याण ने कहा कि वाजपेयी ने आम आदमी के जीवन को अपनी रचनाओं के माध्यम से जीया भी और समाज को यह संदेश भी दिया की एक राजनेता को भी एक आम आदमी की तरह जीवन जीना चाहिए
काव्य गोष्ठी में रेशमा कल्याण, डॉ. केके ऋषि गुरुग्राम से, विजेंद्र गाफि़ल भिवानी से, डॉ. दिनेश दधिची और सूबे सिंह सुजान कुरुक्षेत्र से और सुशील हसरत नरेलवी और सुरेन्द्र बंसल चंडीगढ़ ने अपनी शायरी और कवितायें सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर सभागार में सय्यद अब्दुल हन्नान, शम्स तबरेज़ी, संतोष गर्ग, शाम सुंदर, डॉ. विजेंदर कुमार, परदीप, अशि्वनी कुमार शाण्डिल्य, गणेश दत्त, ओमप्रकाश आदि
उपस्थित रहे।