कानून संशोधन के 6 साल बाद भी नहीं बनी पुलिस स्थापना कमेटी
चंडीगढ़, 1 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा पुलिस द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है। हरियाणा पुलिस कानून में संशोधन के छह वर्षों के बाद भी पुलिस स्थापना कमेटी का गठन नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत कमेटी का गठन अनिवार्य है। 28 नवंबर को डीजीपी कार्यालय की ओर से 11 इंस्पेक्टरों के तबादले के आदेश जारी किए गए, लेकिन इनमें भी पुलिस स्थापना कमेटी का उल्लेख नहीं है।
हरियाणा पुलिस की धारा-34(2) के तहत पुलिस में इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों की तैनाती-तबादले संबंधी निर्णय कमेटी ले सकती है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता व विधायी मामलों के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 वर्ष पहले सितंबर-2006 में बहुचर्चित प्रकाश सिंह केस में देश में पुलिस सुधारों पर दिए गए ऐतिहासिक निर्णय में सभी प्रदेश सरकारों को छह निर्देश दिए थे। इनमें पांचवां निर्देश पुलिस स्थाना कमेटी से जुड़ा था।
इसके तहत डीजीपी की अध्यक्षता में एक विभागीय स्टेट पुलिस स्थापना बोर्ड का गठन किया जाना अनिवार्य था। हेमंत कुमार का कहना है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने हरियाणा पुलिस कानून-2007 की धार-34 में पुलिस स्थापना कमेटी का प्रावधान किया था। लेकिन इस कमेटी को किसी भी रैंक के पुलिस अधिकारी या कर्मचारी के तबादलों, तैनाती और प्रमोशन आदि की शक्तियां प्रदान नहीं की गई। भाजपा सरकार ने छह वर्ष पहले दिसंबर-2018 में विधानसभा में संशोधित विधेयक पास करवाया था।