कांग्रेस ने दुर्भावना से संविधान बदलने का प्रयास किया : राजनाथ
नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (एजेंसी) लोकसभा में शुक्रवार को ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे को घेरा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है, इसके निर्माण को एक पार्टी विशेष द्वारा ‘हाईजैक’ करने की कोशिश हमेशा की गई। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कई नेता संविधान की प्रति जेब में रखकर घूमते हैं, क्योंकि उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस ने अतीत में दुर्भावना के साथ संविधान बदलने का प्रयास किया। कांग्रेस चाहे कितनी कोशिश कर ले, हम कभी भी संविधान के मूल चरित्र को बदलने नहीं देंगे।’ सिंह ने कहा कि महामना मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, पं. जवाहर लाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल, भगत सिंह और वीर सावरकर जैसे कई महापुरुषों के विचारों ने संविधान की भावना को मजबूत किया।’
लंबे समय तक कायरों के हाथ नहीं रहा भारत, देश फिर उठेगा : प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सदन में अपने पहले भाषण में दावा किया कि यदि लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह के नहीं होते तो यह सरकार संविधान बदलने का काम करती। उन्होंने कहा, ‘शायद प्रधानमंत्री समझ नहीं पाए हैं कि संविधान ‘संघ’ का विधान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत लंबे समय तक कायरों के हाथ में कभी नहीं रहा, यह देश उठेगा और लड़ेगा। संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है। यह वादा एक सुरक्षा कवच है, जिसे तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। यह सरकार लेटरल एंट्री, निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है।’ प्रियंका ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पहले एक कहानी होती थी। राजा भेष बदलकर लोगों के बीच आलोचना सुनने जाता था... आज के राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है... लेकिन उनमें न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की।’ कांग्रेस महासचिव ने उद्योगपति गौतम अदाणी का जिक्र करते हुए कहा कि एक उद्योगपति के लिए पूरे देश को नकारा जा रहा है। चर्चा के दौरान कई अन्य दलों के नेताओं ने भी अपनी बातें रखीं। सभी फोटो प्रेट्र