कांग्रेस ने उठाया बड़ौली के खिलाफ गैंगरेप केस का मुद्दा
चंडीगढ़, 10 मार्च (ट्रिन्यू)
विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के बीच तीखी तकरार देखने को मिला। दोनों पक्षों में गरमी-गरमी गैंगरेप और ड्रग बेचने के आरोपों पर हुई। दरअसल, कांग्रेस की ओर से अभिभाषण पर बोलते हुए पूर्व स्पीकर व बेरी विधायक डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली पर कैसाली में दर्ज हुए गैंगरेप का मुद्दा उठाया।
डॉ़ कादियान ने प्रदेश में अवैध खनन के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बड़ौली को नोटिस दिया जाना चाहिए था। यहां बता दें कि इस मामले में बड़ौली को अदालत और पुलिस ने क्लीन-चिट मिल चुकी है। कादियान ने जब बड़ौली का मुद्दा उठाया तो भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई। बड़ौली पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमारी बेदी ने कांग्रेस के पूर्व विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के भतीजे का मुद्दा उठाया दिया।
बेदी ने कहा -श्रीकृष्ण हुड्डा आज दुनिया में नहीं हैं। लेकिन कांग्रेस के नेता का भतीजा यहां एमएलए हॉस्टल में ड्रग के केस में पकड़ा गया था। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा इस पर भड़क उठे। उन्होंने कहा- जो व्यक्ति सदन में मौजूद न हो, उसके बारे में चर्चा नहीं की जा सकती। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण इस मामले में हुड्डा का समर्थन करते दिखे। दरअसल, हुड्डा ने यह बात दोनों मामलों (बड़ौली व श्रीकृष्ण हुड्डा) को लेकर कही थी।
डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान ने प्रदेश के कई जिलों में अवैध खनन होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अवैध खनन की वजह से 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ है। माइनिंग मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कादियान के आरोपों को नकारते हुए कहा कि 50 हजार करोड़ का कोई राजस्व नुकसान नहीं हुआ है।
हुड्डा ने कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कि एक साल में पांच हजार करोड़ के नुकसान की बात कैग की रिपोर्ट में कही गई है तो 10 साल में यह राशि 50 हजार करोड़ हो गई। कादियान ने कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अब मंत्री भी मानने लगे हैं कि गुरुग्राम अब भ्रष्टाचार की राजधानी बन चुका है।
सत्र में बदलाव नहीं
भूपेंद्र हुड्डा ने सत्र की कार्रवाई में बदलाव की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि 17 मार्च को दोपहर दो बजे बजट पेश होना। अगले दिन यानी 18 मार्च को सदन की कार्रवाई सुबह 11 बजे से शुरू होगी। ऐसे में विधायकों को बजट को पढ़ने का मौका नहीं मिलेगा। ऐसे में वे उस पर सही से चर्चा नहीं कर सकेंगे। स्पीकर ने हुड्डा की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अब सभी तैयारियां हो चुकी हैं।