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कांग्रेस की शिकायत के बाद कार्रवाई, 40 मंडियों में खुलनी थी अटल कैंटीन, चुनाव आयोग ने लगाई रोक

04:02 AM Feb 22, 2025 IST

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 21 फरवरी
हरियाणा सरकार का प्रदेश की चालीस अनाज मंडियों में ‘अटल किसान-मजदूर कैंटीन’ खोलने का फैसला फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है। कांग्रेस की शिकायत पर राज्य चुनाव आयोग ने इस फैसले पर रोक लगा दी है। कांग्रेस ने इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग को शिकायत दी थी। इस पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने हरियाणा एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के मुख्य प्रशासक (सीए) को नोटिस जारी कर 12 मार्च तक इस निर्णय को रोकने के निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस की आपत्ति, चुनाव आयोग की रोकपूर्व मंत्री व नूंह विधायक आफताब अहमद ने शिकायत में कहा कि प्रदेश में नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में आम चुनाव और उपचुनाव चल रहे हैं। ऐसे में अटल कैंटीन खोलने का फैसला मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है। आयोग ने इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मार्केटिंग बोर्ड के सीए को निर्देश दिया कि 12 मार्च तक इस फैसले को लागू न किया जाए। नयी कैंटीनों के लिए आवश्यक रसोई उपकरण, फर्नीचर आदि की खरीद के लिए कार्यकारी अभियंता, जिला मार्केटिंग एनफोर्समेंट अधिकारी और मार्केट कमेटी के सचिव की एक समिति गठित की गई है। सभी अधिकारियों को कैंटीन शुरू करने की आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार ने अम्बाला कैंट, चरखी दादरी, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, तिगांव, मोहाना, जाखल, रतिया, भट्टू कलां, भूना, सोहना, हिसार, उकलाना, फतेहपुर, पुंडरी, सीवन, राजौंद, कुंजपुरा, शाहाबाद, बाबैन, फिरोजपुर-झिरका, पुन्हाना, नारनौल, हथीन, कोसली, महम, ऐलनाबाद, रानियां, मुस्तफाबाद, रादौर और साढौरा सहित 40 अनाज मंडियों में कैंटीन खोलने की योजना बनाई थी।

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महिला स्वयं सहायता समूहों को सब्सिडी

हरियाणा की 46 अनाज मंडियों में पहले से अटल कैंटीन काम कर रही हैं, जहां किसानों और मजदूरों को मात्र 10 रुपये में भरपेट खाना उपलब्ध कराया जाता है। नई योजना के तहत सभी 40 नई कैंटीन का संचालन महिला स्वयं सहायता समूह करेंगे। सरकार प्रत्येक थाली पर 15 रुपये की सब्सिडी देगी। खाने की आपूर्ति करने वाले स्वयं सहायता समूहों को दो प्रमुख फसल खरीद सीजन (15 मार्च-31 मई और 15 सितंबर-30 नवंबर) के दौरान रोजाना न्यूनतम 200 थालियों के लिए 15 रुपये प्रति थाली सब्सिडी दी जाएगी। शेष महीनों में यह सहायता खपत के अनुसार मिलेगी। सरकार ने इस योजना के लिए 12 करोड़ 23 लाख रुपये की सब्सिडी दी है।

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