मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

कष्ट निवारण सूची से उभरे कष्ट, वरिष्ठ भाजपा नेता नाराज

05:59 AM Jun 30, 2025 IST

हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 29 जून
रोहतक की राजनीति में इन दिनों कष्ट निवारण समिति की सूची खुद ही ‘कष्ट’ का कारण बन गई है। हाल ही में जारी जिला कष्ट निवारण समिति की नई सूची ने भाजपा संगठन के भीतर असंतोष के सुर तेज कर दिए हैं। वर्षों से भाजपा में सक्रिय और समर्पित कई वरिष्ठ नेताओं को सूची से बाहर रखा जाना न केवल उन्हें खल गया, बल्कि इससे संगठनात्मक संतुलन और निर्णय प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, कई वरिष्ठ नेताओं और पुराने पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें दरकिनार कर उन नामों को तरजीह दी गई है जो हाल ही में संगठन से जुड़े हैं या विशेष गुटों के नजदीकी माने जाते हैं।
पार्टी परंपरा के अनुसार, कष्ट निवारण समिति में ऐसे नेताओं को शामिल किया जाता रहा है, जो जनसमस्याओं की बेहतर समझ रखते हैं और जिनका संगठन में दीर्घकालिक योगदान रहा हो, लेकिन इस बार की सूची से वह संतुलन गायब दिख रहा है।
कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और समावेशिता का अभाव रहा, जिससे पार्टी के भीतर एक असहज स्थिति बन गई है। पूर्व पदाधिकारी, मंडल प्रमुख, जिला उपाध्यक्ष और विभिन्न मोर्चों के अनुभवी चेहरों को नज़रअंदाज़ किया जाना कई कार्यकर्ताओं को चौंकाने वाला लगा।
सूत्रों का यह भी कहना है कि यह मामला अब केवल ज़िला इकाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रदेश नेतृत्व स्तर तक चर्चा का विषय बन गया है। कार्यकर्ताओं की अपेक्षा है कि शीर्ष नेतृत्व जल्द संवाद स्थापित कर संतुलन बहाल करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगा। हालांकि भाजपा नेतृत्व की ओर से इस विषय पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन संगठन के अंदरूनी सूत्र मानते हैं कि कार्यकर्ताओं के मनोबल और संगठनात्मक एकता को बनाए रखने के लिए शीर्ष स्तर पर स्थिति को संभालने की कोशिश की जा सकती है।

Advertisement

Advertisement