कविता हमें अपने भीतर से जोड़ती है : इरशाद
चंडीगढ़, 10 जनवरी (ट्रिन्यू)पंजाब विश्वविद्यालय के तीसरे प्रोफेसर उर्मि केसर मेमोरियल व्याख्यान में जाने-माने बॉलीवुड गीतकार और कवि इरशाद कामिल ने कहा कि इस तेज रफ्तार दुनिया में कविता हमें भीतर से जोड़ती है। डॉ. कामिल ने 'क्या हमें आज के समय में कविता की आवश्यकता है' विषय पर दर्शकों को अपने अंतस से जुड़ने पर मजबूर कर दिया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. रेनू विग उपस्थित थीं। पीयू के पूर्व छात्र और बालीवुड को कई अनमोल गीत देने वाले इरशाद ने अपने संबोधन में कहा,'मुझे खुशी है कि हम स्टार्ट-अप, क्लिक्स और भौतिकवादी गतिविधियों के तेज गति वाले समय में कविता के बारे में बात कर रहे हैं।' अपने विचारोत्तेजक प्रवचन में डॉ. कामिल ने कविता के सार के बारे में बात की और वर्तमान समय से कई उदाहरण देकर समझाया कि कैसे 'क्लिक की दुनिया में, कविता एक संबंध है'। उन्होंने बताया कि कैसे कविता मौन की भाषा से आती है, हमारे आंतरिक मूल की ईमानदारी से आती है और कविता की सराहना करने में सक्षम होने के लिए हमें अपने आंतरिक आत्म को प्रतिबिंबित करने और देखने में सक्षम होने की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह दुखद है कि कला आज केवल हमारे लिविंग रूम तक ही सीमित है और रंग केवल इमोटिकॉन्स तक सिमट कर रह गए हैं। दोहों से भरपूर उनके संबोधन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इससे पहले, कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों के स्वागत से हुई जिसके बाद प्रोफेसर उर्मि केसर और स्मारक व्याख्यान श्रृंखला की समृद्ध विरासत का परिचय दिया। प्रो. केसर ललित कला और कला इतिहास के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध हस्ती, आधुनिक भारतीय चित्रकला में सामाजिक सामग्री पर अपने मौलिक काम के लिए जानी जाती थीं। दिवंगत प्रोफेसर उर्मि केसर की स्मृति में स्थापित स्मारक व्याख्यान श्रृंखला का उद्देश्य कला, साहित्य और इतिहास से संबंधित विषयों पर बौद्धिक प्रवचन के लिए एक मंच प्रदान करना है। कुलपति और कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. रेनू विग ने दिवंगत प्रोफेसर के परिवार को उर्मि केसर को स्मारक व्याख्यान श्रृंखला शुरू करने और समृद्ध प्रवचन के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। इस मौके पर राधा केसर भी उपस्थित रहीं। मेमोरियल व्याख्यान में डीयूआई प्रो. रूमिना सेठी रजिस्ट्रार प्रो. वाईपी वर्मा, विभिन्न अन्य वरिष्ठ अधिकारी, संकाय, पूर्व कुलपति और छात्र सहित गणमान्य लोगों ने भाग लिया।