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कलेसर, ममदूबास में लाखों के बाढ़ सुरक्षा के कार्य अधर में अटक गए!

05:10 AM Jun 27, 2025 IST
कलेसर  ममदूबास में लाखों के बाढ़ सुरक्षा के कार्य अधर में अटक गए
छछरौली में नदी की बाढ़ रोकथाम कार्यों के लिए इकट्ठा किए गए पत्थर।-निस
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छछरौली, 26 जून (निस)
कलेसर व ममदूबास में लाखों रुपये की लागत से बाढ़ सुरक्षा के कार्य अधर में अटक गए हैं। यमुना नदी किनारे इस्कॉन मंदिर के समीप भूमि कटाव रोकने के लिए बनाई गई सेफ्टी वाल की ऊंचाई बढ़ाने तथा यमुना नदी किनारे ममदूबास व सूकरों नदी पर तीन जगह पर नदी की बाढ़ रोकथाम के लिए लगाए जाने वाले स्टोन स्टड का कार्य अचानक बंद कर दिया गया है। बाढ़ सुरक्षा के कार्य अधूरे रहने के कारण अब ग्रामीणों को यमुना नदी की बाढ़ की आशंका सताने लगी है।

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ज्ञात हो कि 2023 में कलेसर में भूमि कटाव से कई एकड़ जमीन नदी की बाढ़ में समा चुकी है। गांव कलेसर में यमुना नदी की बाढ़ रोकथाम के लिए शुरू किए गए स्टोन स्टड के कार्य आधार में ही रोक दिए गए हैं। गांव कलेसर के ममदूबास के समीप यमुना नदी की बाढ़ रोकथाम के लिए स्टोन स्टड (वायर क्रेट्स) लगाए जाने का काम शुरू किया गया था, लेकिन अधिकारियों द्वारा अचानक बीच में निर्माण कार्य को बंद कर दिया गया है।

कलेसर निवासी पूर्व सरपंच रविंद्र कुमार ने बताया कि बरसाती नदी सूंकरो के किनारे पर भूमि कटाव रोकने के लिए तीन जगह पर स्टोन स्टड लगाये जाने थे, लेकिन अचानक काम रोक दिया गया है, जिससे भूमि कटाव का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि यमुना नदी की बाढ़ के कारण गांव की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि खत्म हो चुकी है। कलेसर में प्रस्तावित इस्कॉन मंदिर के समीप 2023 में 4 करोड़ 40 लाख की लागत से सेफ्टी वाल का निर्माण किया गया था। दीवार की ऊंचाई कम होने के कारण फिर से दीवार को ऊंचा उठाने के टेंडर किए गए।

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इस्कॉन के प्रमुख संत रमन रूपदास ने बताया कि 40 लाख रुपये में 5 फुट दीवार को उठाने का टेंडर दिया गया है, लेकिन अचानक अधिकारियों द्वारा कार्य को बीच में ही रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि 2023 में मंदिर की 4 एकड़ भूमि यमुना नदी की बाढ़ में समा चुकी है। इस बार कार्य पूरा न होने के कारण फिर से यमुना नदी की बाढ़ की आशंका बनी हुई है। रमन रूपदास ने बताया कि बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए उन्होंने डीसी व सीएम को पत्र लिखा है तथा ईमेल भी किया गया है। उन्होंने बताया कि यदि बाढ़ सुरक्षा के कार्य पूरे नहीं किए गए तो यमुना नदी की बाढ़ से जान माल का भारी नुकसान की आशंका है।
सिंचाई विभाग के जेई बोले
सिंचाई विभाग के जेई मनोज कुमार ने बताया कि इको सेंसेटिव जोन में किए जाने वाले निर्माण कार्यों की अनुमति के लिए वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट को पत्र लिखा गया था, लेकिन वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट ने निर्माण कार्यों की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसलिए बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को फिलहाल रोक दिया गया है।

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