कला की कीमत
ऑगस्टे रोडिन जब समस्त यूरोप में अपने समय का सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार माना जाने लगा, तो जार्ज बर्नार्ड शॉ ने उसे अपनी मूर्ति बनाने के लिए कहा। इस काम के लिए शॉ ने एक हजार पौंड देने स्वीकार किये। रोडिन ने कुछ ही दिनों में शॉ की दस-बारह मूर्तियां बनायीं, पर उनमें से कोई भी उन्हें पसंद न आयी। एक दिन शॉ ने पूछा, ‘आखिर मेरी मूर्ति कब बनेगी? उसे बनाने में इतना ज्यादा समय लगायेंगे तो आपका गुजारा कैसे होगा?’ ‘कोई आप जैसा मॉडल मिल जाये तो फिर मुझे समय या पैसों का खयाल नहीं रहता।’ रोडिन ने कहा। शॉ हंसकर बोला, ‘अगर वाकई मैं इतना अच्छा मॉडल हूं तो आपको मूर्ति बनाने के लिए कीमत लेने के बजाय मुझे कीमत देनी चाहिए।’ ‘वह आपको अवश्य मिलेगी।’ रोडिन ने सहज भाव से कहा। एक दिन आप इस बात पर गर्व करेंगे कि आपके पास रोडिन की बनायी हुई मूर्ति है।’
प्रस्तुति : राजकिशन नैन