कलानौर में अधूरा स्टेडियम बना खिलाड़ियों के लिए परेशानी
कलानौर स्थित एकमात्र खेल स्टेडियम बदहाल है। करीब 3 एकड़ में बने स्टेडियम में खेल मैदान की सुविधा नहीं है। यहां बच्चों की प्रैक्टिस करवा रहे कोच सतीश ने बताया कि वर्ष 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था। इस पर पांच करोड़ रुपए खर्च किया जाना था। कुछ काम होने के बाद ठेकेदार ने काम बंद कर दिया। ठेकेदार को सरकार द्वारा आधी पेमेंट भी कर दी गई। उन्होंने कहा कि अब तीन साल से काम रुका हुआ है। खेल विभाग ने अब तक कोई सुध नहीं ली।
स्टेडियम में प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ी हरेंद्र, सिद्धांत, आशु, सौरभ, मनीष, राहुल, नितिन, कविता, दामिनी, आंचल, अंतिम और दिव्या ने बताया कि उन्हें अधूरी सुविधाओं के साथ अभ्यास करना पड़ रहा है। सही ट्रैक नहीं होने से उन्हें रोड पर दौड़ना पड़ता है। ठेकेदार ने अधूरा इंडोर स्टेडियम बनाकर छोड़ दिया। दौड़ने के लिए जो सिंथेटिक ट्रैक बनाया गया था, वह कुछ महीनों में ही उखड़ने लगा। अब उस पर दौड़ना मुश्किल हो गया है। मुख्य गेट भी नहीं लगाया। बेसहारा पशु विचरण करते रहते हैं। बिजली पानी की यहां कोई सुविधा नहीं है।
शौचालय और बाथरूम भी अधूरे हैं। टॉयलेट सीट तक नहीं लगाई गई। इंडोर स्टेडियम की बिल्डिंग में सुविधाएं न के बराबर हैं। खिलाड़ी बोले कि यहां सुबह-शाम सैकड़ों युवा अभ्यास करने आते हैं। अधूरी सुविधाओं के कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस बारे में जिला उपायुक्त से लेकर उच्च अधिकारियों तक शिकायत कर चुके हैं। इसके बावजूद स्टेडियम को पूरा करवाने की कोई सुध नहीं ली जा रही। खिलाड़ियों ने कहा कि सरकार एक ओर खिलाड़ियों को सुविधा देने की बात करती है, दूसरी ओर बन रहे स्टेडियम की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा जो गलत है।